Women Reservation : सीएम नीतीश ने राबड़ी-रोहिणी की बात दुहराई; महिला आरक्षण को लेकर बहुत कुछ कहा


CM नीतीश कुमार।
– फोटो : अमर उजाला

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आज लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पर लंबी बहस हो रही है। महिला आरक्षण बिल आज देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। बिहार के मुख्यमंत्री महिला आरक्षण बिल को लेकर बहुत उत्साहित हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हम जवान थे, तभी से मांग रहे। संसद में थे तो भी मांग की। उन्होंने लगातार दूसरे दिन इसपर बात की। उन्होंने राबड़ी देवी और उनकी बेटी रोहिणी आचार्या की मांग भी दुहराई।

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सबसे पहले महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण तो हमलोगों ने ही दिया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सबसे पहले महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण तो हमलोगों ने ही दिया। पंचायत, नगर निकाय में तो दिया ही। अब तो नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, उतने तो पूरे देश में नहीं है। हम तो सदा से ही महिला आरक्षण बिल के पक्ष में रहे हैं और महिलाओं को उनका अधिकार मिलना ही चाहिए। साथ ही एससी-एसटी और ओबीसी की महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए। संसद और विधानसभा सब जगह महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन दिक्कत है कि ये लोग तो लागू करेंगे नहीं। यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था।

सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत सीट आरक्षित कर दी गई

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हर 10 साल पर जनगणना होनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। यह हमेशा समय पर होना चाहिए। हमने कहा कि इसमें जाति आधारित गणना भी होनी चाहिए। महिलाओं को सबसे पहले 50 प्रतिशत का आरक्षण हमने ही दिया। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं में और वर्ष 2007 में नगर निकायों में हमने महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। हमने बड़ी संख्या में बहाली भी शुरू की। प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण हमने दिया। बाद में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत सीट आरक्षित कर दी गई। पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। आज बिहार में पुलिस में जितनी भागीदारी महिलाओं की है उतनी देश में कहीं नहीं है। स्वयं सहायता समूह में बड़ी संख्या में महिलाएं जीविका दीदियों के माध्यम से शामिल हुईं। महिलाओं के लिए बिहार में काफी काम किए गए हैं। हमारी मांग है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए।

सचिवालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे सीएम नीतीश कुमार

दरअसल, सीएम नीतीश कुमार पटना सचिवालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। इसी दौरान सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि साल 2008 से साल 2012-13 तक हम मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में 9:30 बजे आया करते थे, अभी अपने आवासीय कार्यालय से ही कार्य का निष्पादन करते हैं। हमें जानकारी मिली है कि सचिवालय में लोग अपने कार्यालय देर से आ रहे हैं तो हम इसका निरीक्षण करने आए हैं। अब हम सप्ताह में तीन दिन मुख्य सचिवालय स्थित कार्यालय और दो दिन मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित कार्यालय आएंगे और निरीक्षण करेंगे, उसके बाद अपने आवासीय कार्यालय में बैठेंगे। 

राबड़ी देवी बोलीं- झाल बजाने और शोर मचाने के लिए शगूफा छोड़ा गया

बता दें कि एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा था कि  महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित,खेतिहर एवं मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हो। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है। महिला आरक्षण विधेयक में जो 33% आरक्षण दिया गया है उसमें SC, ST, OBC महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गयी है। SC/ST वर्गों के लिए जो प्रावधान किया है वह उन वर्गों के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों में से SC/ST की महिलाओं को 33% मिलेगा। यानी यहां भी SC/ST को धोखा। OBC/EBC वर्ग की महिलाओं को ठेंगा दिखाने वाला परिसीमन के बाद लागू होगा। परिसीमन जनगणना के बाद होगा। और करवाने के दबाव में केंद्र ने जनगणना को ठंडे बस्ते में ही डाल दिया है। मतलब बस झाल बजाने और शोर मचाने के लिए शगूफा छोड़ा गया। वहीं उनकी बेटी रोहिणी ने कहा था कि पिछड़ों को इस बार भी मौका नहीं मिला। मोदी जी इस बार भी धोखा दे रहे हैं। रोहिणी ने तंज कसते हुए कहा कि नारी शक्ति वंदन केवल चुनाव जीतने का  प्रबंधन है।



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