सीताराम येचुरी।
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माकपा नेता सीताराम येचुरी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने केंद्र पर अमीरों के पक्ष में नीति बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह जानना चाहा कि अगर केंद्र कॉरपोरेट के लिए कर्ज माफी की पेशकश कर सकती है, तो किसानों के कर्ज को माफ क्यों नहीं किया जा रहा?गांधी मैदान में पार्टी की भारत बचाओ (भारत बचाओ) रैली को संबोधित करते हुए येचुरी ने दावा किया कि एनडीए सरकार देश में केवल उद्योगपतियों के एक चुनिंदा समूह के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि केंद्र की यह सरकार देश के कारपोरेट दिग्गजों द्वारा लिए गए 11 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर सकती है, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं कर सकती। यह चुनावी राज्य गुजरात में निवेश के लिए एक फर्म को हजारों करोड़ रुपये की सब्सिडी दे सकती है, लेकिन मनरेगा के तहत काम करने वालों की मजदूरी नहीं बढ़ा सकती।माकपा नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार लोगों में नफरत और भय फैलाने का काम कर रही है। देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, युवा पीढ़ी के लिए कोई रोजगार नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार इन मुद्दों के बारे में जरा सी भी गंभीर नहीं है। यह राज्य के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) का निजीकरण करने में व्यस्त है। राष्ट्रीय संपत्ति की लूट मची हुई है।उन्होंने कहा कि उनकी नीतियां जनविरोधी और गरीब विरोधी हैं। उन्होंने (केंद्र सरकार ने) ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि अब आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। येचुरी ने जोर देकर कहा कि विपक्षी एकता समय की जरूरत है।उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में एनडीए को सत्ता से बाहर करना होगा। मैंने कल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की और विपक्षी एकता पर चर्चा की। यह गांधी मैदान कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। यह समय फिर से सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट होने और भारत गणराज्य को बचाने के लिए पाटलिपुत्र (पटना) से इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) तक जाने का है।
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माकपा नेता सीताराम येचुरी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने केंद्र पर अमीरों के पक्ष में नीति बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह जानना चाहा कि अगर केंद्र कॉरपोरेट के लिए कर्ज माफी की पेशकश कर सकती है, तो किसानों के कर्ज को माफ क्यों नहीं किया जा रहा?
गांधी मैदान में पार्टी की भारत बचाओ (भारत बचाओ) रैली को संबोधित करते हुए येचुरी ने दावा किया कि एनडीए सरकार देश में केवल उद्योगपतियों के एक चुनिंदा समूह के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि केंद्र की यह सरकार देश के कारपोरेट दिग्गजों द्वारा लिए गए 11 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर सकती है, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं कर सकती। यह चुनावी राज्य गुजरात में निवेश के लिए एक फर्म को हजारों करोड़ रुपये की सब्सिडी दे सकती है, लेकिन मनरेगा के तहत काम करने वालों की मजदूरी नहीं बढ़ा सकती।
माकपा नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार लोगों में नफरत और भय फैलाने का काम कर रही है। देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, युवा पीढ़ी के लिए कोई रोजगार नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार इन मुद्दों के बारे में जरा सी भी गंभीर नहीं है। यह राज्य के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) का निजीकरण करने में व्यस्त है। राष्ट्रीय संपत्ति की लूट मची हुई है।
उन्होंने कहा कि उनकी नीतियां जनविरोधी और गरीब विरोधी हैं। उन्होंने (केंद्र सरकार ने) ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि अब आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। येचुरी ने जोर देकर कहा कि विपक्षी एकता समय की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में एनडीए को सत्ता से बाहर करना होगा। मैंने कल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की और विपक्षी एकता पर चर्चा की। यह गांधी मैदान कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। यह समय फिर से सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट होने और भारत गणराज्य को बचाने के लिए पाटलिपुत्र (पटना) से इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) तक जाने का है।