Rajasthan Ashok Gehlot Sachin Pilot Politics Rebel MLAs Supporting Gehlot Resigned To Speaker Amid Congress President Election


Rajasthan Congress Politics: कांग्रेस में अध्यक्ष चुनाव को लेकर हलचल के बीच राजस्थान (Rajasthan) में सियासी घमासान मचा हुआ है. अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने पायलट के सीएम बनाने पर ऐतराज जताते हुए बगावत कर दी है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) के सिर ताज सजने की संभावना को देखते हुए गहलोत खेमे के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सामूहिक तौर से इस्तीफा सौंप दिया है. इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 80 से अधिक बताई जा रही है.
राजस्थान में हो रही सियासी बवाल के बीच सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने मौजूदा सीएम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), सचिन पायलट, कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को दिल्ली बुलाया है.
गहलोत खेमे के विधायकों की बगावत?
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के खेमे के 80 से अधिक विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है. सूत्रों के मुताबिक गलहोत के समर्थक नहीं चाहते हैं कि नए मुख्यमंत्री का नाम उन लोगों में से निकले, जिन्होंने साल 2020 में गहलोत के खिलाफ बगावत की थी. 23 सितंबर को एबीपी न्यूज के कैमरे पर अशोक गहलोत ने खुद कहा था कि राजस्थान के अगले सीएम को लेकर आलाकमान और प्रभारी तय करेंगे, लेकिन अब गहलोत को आलाकमान के प्रोजेक्ट ‘पायलट’ पर ही ऐतराज हो चला है.
पायलट के नाम पर बगावत?
सूत्रों के मुताबिक विधायकों का कहना है कि अगर सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं और मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देते हैं तो नया मुख्यमंत्री उन 102 विधायकों में से बनाया जाए जो पायलट की सरकार गिराने की कोशिश के दौरान कांग्रेस के साथ खड़े थे. उधर, गहलोत ट्वीट पर ट्वीट करके कांग्रेस हाईकमान को राजनीति के मायने सिखा रहे हैं. गहलोत कह रहे हैं कि आलाकमान की पहली प्राथमिकता 2023 का राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतना ही होनी चाहिए क्योंकि कांग्रेस के पास बड़े राज्य के नाम पर राजस्थान ही है. 
आलाकमान के सामने खड़ी हुई चुनौतियां?
कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी जो कि विधायकों की बगावत के बाद रद्द कर दी गई. अब सवाल है कि क्या अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे? इससे भी बड़ा सवाल ये कि क्या आलाकमान के फैसले के खिलाफ बगावत करने वाले गहलोत का अध्यक्ष बनना संभव है? बहरहाल सोनिया गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि जो अशोक गहलोत अभी शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं, कल अगर ये कांग्रेस अध्यक्ष बन गए तो क्या होगा?
क्या कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव पर पड़ेगा असर?
कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) पद के चुनाव के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी हो चुकी है. 30 सितंबर तक पर्चा दाखिल करने की प्रक्रिया चलेगी. अभी इस लड़ाई को गहलोत बनाम थरूर के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन राजस्थान के पॉलिटिकल ड्रामे ने सस्पेंस बढ़ा दिया है. चूंकि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में सबसे खास भूमिका कांग्रेस की प्रदेश कांग्रेस कमेटी यानी PCC की होती है और PCC के डेलीगेट्स की नजर राजस्थान के सियासी ड्रामे पर बनी है, इसलिए गहलोत के शक्ति प्रदर्शन का असर कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव पर पड़ना लाजिमी है. 
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