सीएम नीतीश कुमार ही परवीन अमानुल्लाह को राजनीति में लेकर आए थे।
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भारतीय प्रशासनिक सेवा के बड़े अफसर की बीवी। सूचना का अधिकार कानून का उपयोग कर सरकार का सच सामने लाने वाली आरटीआई कार्यकर्ता। और, इन सभी के बाद अचानक सक्रिय राजनीति में बेगूसराय के साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट से विधायक बनते ही नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में जगह। परवीन अमानुल्लाह की कई पहचान थी। लेकिन, असल पहचान उन्होंने अचानक एक घोषणा से की थी। उन्होंने राजनीति से खुद को किनारे करने के लिए अचानक एलान किया था कि वह मंत्रीपद के साथ विधायकी छोड़ रही हैं। इस हद तक सुर्खियों में रहीं परवीन ने जब इलाजरत रहते हुए रविवार की रात दुनिया छोड़ी तो करीब 12 घंटे बाद बिहार के राजनीतिक हलके में यह खबर कौंधी। राज्य सरकार ने आज राजकीय सम्मान से उनकी विदाई की घोषणा की।
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नाखुश होकर फैसला लिया, फिर फैसले से असंतुष्ट
जब उन्होंने नीतीश कुमार मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था तो कहा था कि उन्हें राजनीति रास नहीं आ रही। वह सिस्टम में फिट नहीं बैठ रहीं। अपना लक्ष्य नहीं हासिल कर पा रहीं। जिस उद्देश्य से राजनीति में आयीं, वह पूरा होता नहीं दिख रहा है। उन्हें तब लगा कि मंत्री होने के कारण वह बंधकर रह गई हैं। इसलिए, मंत्रीपद छोड़ने की अचानक प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा की थी। वरिष्ठ पत्रकार फैज़ान अहमद ने शेयर किया- “वह अपने राजनीतिक कॅरियर से खुश नहीं थीं और एक दिन अचानक उन्होंने संवाददाताओं को बुलाया, फिर चौंकाते हुए कहा कि वह मंत्रिमंडल और बिहार विधानसभा से खुद को मुक्त कर रही हैं।” दरअसल, उन्होंने मंत्रिमंडल छोड़ने की घोषणा भले की लेकिन वह राजनीति छोड़ने के फैसले को लेकर भी संतुष्ट नहीं थीं। लेकिन, उनका कॅरियर एक तरह से खत्म हो गया।
शत्रुघ्न के सामने चुनाव में उतरीं, मगर नहीं टिकीं
विधायकी छोड़ने के करीब एक साल बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के टिकट पर पटना साहिब सीट से किस्मत को आजमाया। लेकिन, भाजपा की इस स्थायी सीट पर नरेंद्र मोदी के नाम की लहर में तत्कालीन भाजपाई प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा के सामने वह कहीं नहीं टिकीं। उन्होंने विधानसभा की सदस्यता छोड़ते समय ही भाजपा या कांग्रेस में नहीं जाने की बात कही थी। जदयू से दुराव हो ही गया था। ऐसे में आप के लिए जमीन तलाशने की उनकी कोशिश जब बेकार गई तो वह एक तरह से गायब हो गईं। कुछ वर्षों से वह बीमार थीं और रिटायर्ड आईएएस अफसर पति अफजल़ अमानुल्लाह के साथ देश की राजधानी में ही रह रही थीं। वहीं उनका इलाज के दौरान इंतकाल हुआ।