Congress Slams Centre over National Museum: सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के राष्ट्रीय संग्रहालय को खाली किए जाने की संभावना है. इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने इसे ‘बर्बरता’ तक बताया. थरूर से पहले कांग्रेस के एक और नेता जयराम रमेश ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि एक और ऐतिहासिक इमारत का अस्तित्व व्यवस्थित ढंग से इतिहास मिटाने के अभियान के तहत खत्म हो जाएगा.
क्या कहा कांग्रेस नेता शशि थरूर ने?
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर रविवार (30 सितंबर) को अपनी एक पोस्ट में लिखा, ”अपार वास्तुशिल्प महत्व की एक ऐतिहासिक इमारत को ध्वस्त किया जाना है और कुकी-कटर सरकार की एक इमारत से इसे बदला जाना है. इस बीच कम से कम दो साल के लिए कोई राष्ट्रीय संग्रहालय नहीं होगा. यह बर्बरता है, विशुद्ध और साफ.”
A historic building of immense architectural importance is to be demolished and replaced by a cookie-cutter government building! And in the meantime there will be no National Museum for two years at least. This is barbarism, pure and simple. https://t.co/3fcoFhUSCa
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 30, 2023
जयराम रमेश क्या बोले?
कांग्रेस महासचिव जयरम रमेश ने शुक्रवार (29 सितंबर) को एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट किया, ”फिर एक और आलीशान इमारत, जो पारंपरिकता के साथ आधुनिकता को जोड़ती है, इस वर्ष के अंत तक गायब हो जाएगी. राष्ट्रीय संग्रहालय, जिसे जीबी देओलालिकर ने डिजाइन किया था और जिसका 1960 में उद्घाटन किया गया था, उसे ध्वस्त किया जा रहा है.”
Yet another majestic building that combines finely the modern with the traditional is to vanish by the end of this year. The National Museum designed by G.B. Deolalikar and inaugurated in December 1960 is being demolished. Incidentally, he also designed the main block of the… pic.twitter.com/ecD7wBK8Sk
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 29, 2023
उन्होंने यह भी लिखा, ”राष्ट्र न केवल एक आलीशान संरचना खो देता है, बल्कि अपने हाल के इतिहास का एक टुकड़ा भी खो देता है जो प्रधानमंत्री के एक व्यवस्थित ढंग से इतिहास मिटाने के अभियान का लक्ष्य है. इसमें 200,000 से ज्यादा अधिक अनमोल चीजें हैं और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि यह राष्ट्रीय खजाना दूसरे स्थान पर ले जाए जाने से सर्वाइव कर पाएगा…”
यह भी पढ़ें- 4000 मनरेगा मजदूर, दिल्ली में प्रदर्शन और राजघाट… केंद्र सरकार को घेरने के लिए क्या है ममता बनर्जी का प्लान?