Maharashtra Politics Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में हुई टूट के बाद महाराष्ट्र में सियासी गर्मी बढ़ गई है. अजित पवार के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम बनने के बाद एनसीपी पर अपना दावा करने को लेकर भी बवाल छिड़ गया है. एनसीपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए अजित पवार ने चुनाव आयोग में पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोंक दिया है. वहीं, एनसीपी नेता शरद पवार भी चुनाव आयोग की शरण में पहुंच चुके हैं. इस बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सीएम एकनाथ शिंदे से उनके आवास पर गुरुवार (6 जुलाई) की देर रात मुलाकात की.
वहीं, एनसीपी में टूट के बाद उस पर नियंत्रण के लिए खींचतान तेज होने के बीच शरद पवार ने गुरुवार को एलान किया कि वह ही पार्टी के अध्यक्ष हैं. उन्होंने अपने भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सेवानिवृत्ति संबंधी बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह ‘चाहे 82 वर्ष के हों या 92 वर्ष के’, अभी भी अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं. एनसीपी की दिल्ली में हुई कार्यसमिति की बैठक में अजित पवार और 8 अन्य विधायकों के साथ सांसदों प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निष्कासित करने के फैसले का समर्थन किया गया.
इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. एनसीपी में टूट के बाद किसी राष्ट्रीय नेता की शरद पवार से ये पहली मुलाकात थी. गौरतलब है कि एनसीपी में हुई बगावत के बाद सोनिया गांधी, एमके स्टालिन और ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेताओं ने पवार को फोन कर एकजुटता व्यक्त की.
अजित पवार गुट ने शरद पवार की ओर से बुलाई गई एनसीपी कार्यसमिति की बैठक की कानूनी वैधता पर सवाल खड़े किए. एनसीपी के अजित गुट ने कहा कि अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. अजित ने चुनाव आयोग के समक्ष एक याचिका भी दायर की है जिसमें कहा गया है कि वह मूल एनसीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह उन्हें दिया जाए.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि एनसीपी नेता अजित पवार को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से शिवसेना में कोई भी नाखुश नहीं है. शिंदे ने तमाम खबरों को विपक्ष की ओर से फैलाई गई अफवाहें बताया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सबकुछ ठीक है और कोई नया मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहा है. दावा किया गया था कि अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है.
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