Kolkata West Bengal CM Mamata Banerjee public meeting in support of TMC candidate Sudip Bandyopadhyay | ओबीसी आरक्षण पर लगा झटका तो जजों पर बरसीं ममता बनर्जी, बोलीं



OBC Reservation: दक्षिण 24 परगना जिले के मथुरापुर लोकसभा क्षेत्र में टीएमसी उम्मीदवार बापी हलधर के समर्थन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान सीएम ममता ने जजों को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि हम अदालतों और न्यायिक प्रणाली का बहुत सम्मान करते हैं. लेकिन मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि कुछ न्यायाधीशों के फैसले बुनियादी योग्यता नहीं रखते. उन्होंने कहा कि हाल ही में एक न्यायाधीश ने आरएसएस से अपने जुड़ाव को स्वीकार किया है.
दरअसल, सीएम ममता की यह टिप्पणी कलकत्ता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज चित्तरंजन दास के हालिया बयान को लेकर आई है. जहां रिटायर्ड जज चित्तरंजन दास ने बीते 20 मई को न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त होने के दिन अपने व्यक्तित्व को आकार देने का श्रेय आरएसएस को दिया था.
मैं हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाऊंगी- CM ममता
इससे पहले, कलकत्ता हाई कोर्ट की एक पीठ ने बुधवार को एक आदेश जारी कर पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद जारी सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र रद्द कर दिए थे. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लाख ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द करने का आदेश स्वीकार करने योग्य नहीं है. यह शर्मनाक है. सीएम ने कहा कि मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं करती और मैं हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाऊंगी. इसके लिए वे कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. 
इंडिया गठबंधन सत्ता में आएगा तो हम देश को देंगे नेतृत्व 
सीएम ममता ने पीएम मोदी की इस टिप्पणी के लिए उन पर निशाना भी साधा कि ‘उनकी ऊर्जा जैविक नहीं है. सीएम ममता ने कहा कि अगर उन्हें भगवान ने भेजा है तो उनके लिए मंदिर में रहना बेहतर है. मैं उस मंदिर के निर्माण की व्यवस्था करूंगी. इस दौरान सीएम ममता ने साफ किया कि तृणमूल कांग्रेस विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि पूरी संभावना है कि विपक्षी गठबंधन सत्ता में आएगा और हम देश को नेतृत्व देंगे.
जानिए कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2010 से कई वर्गों को दिया गया ओबीसी का दर्जा रद्द करते हुए कहा था कि मुसलमानों के 77 वर्गों को पिछड़ा वर्ग कैटागिरी की लिस्ट में शामिल करना उनके साथ वोटबैंक की तरह बर्ताव करना है. ये आदेश जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजशेखर मंथा की पीठ ने पारित किया था.
ये भी पढ़ें: OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता बनर्जी का बड़ा ऐलान, बताया क्या होगा अगला कदम?



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