अंजुम आरा के जदयू में आने से दरभंगा में पार्टी को मजबूत होने की खुशी होगी।
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2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घूमने से बिहार के अंदर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल रहे हैं। इधर, पटना में मौसम की गरमी के साथ राजनीतिक तापमान भी तेजी से बढ़ रहा है। लाल प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी को एंट्री दिलाई तो नए हफ्ते में नई खबर नीतीश कुमार के जनता दल यूनाईटेड (JDU) से है। खबर एक ही है, लेकिन जदयू से नहीं, बल्कि कांग्रेस से भी जुड़ी। दरभंगा की मेयर अंजुम आरा ने महागठबंधन के घटक कांग्रेस का हाथ छोड़ते हुए जदयू का दामन थाम लिया है। यह जदयू में दूसरी ‘अंजुम आरा’ होंगी।
जनता के वोट से मेयर चुनी गईं, ताकतवर हैं दरभंगा में
अंजुम आरा दरभंगा नगर निगम की दो बार वार्ड पार्षद भी रह चुकी हैं। इनके पति सिबगतुल्लाह खान उर्फ डब्बू खान दरभंगा नगर निगम के वार्ड पार्षद रह चुके हैं। दरभंगा मुहर्रम कमिटी के अध्यक्ष भी हैं अभी। जिला कांग्रेस कमिटी के सदस्य भी हैं। हाल ही में हुए नगर निगम के चुनाव में जीतकर महापौर बनी हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की धर्मशीला गुप्ता 8734 मतों से हराया था। इस चुनाव में अंजुम आरा को कुल रिकार्ड मत 30114 मिले थे। इस बार, पहली बार बिहार में मेयर चुनाव सीधे जनता के वोट से हुए थे। ऐसे में यह माना जा सकता है कि दरभंगा की राजनीति में अंजुम आरा का जनता के बीच सीधा प्रभाव है। 2012 में पहली बार अंजुम आरा वार्ड 24 की पार्षद बनी थीं। उस वक्त वह किसी राजनीतिक दल से सम्बद्ध नहीं थी। दोबारा वह 2017 में भी वार्ड पार्षद चुनी गईं और अब वह निगम की मेयर हैं। अंजुम आरा अब भी खुलकर कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर रही थीं, लेकिन उनके पति कांग्रेस में काफी सक्रिय हैं। मेयर चुनाव में अंजुम आरा को भाजपा विरोध, कांग्रेस-राजद समर्थन का वोट के रूप में फायदा मिला, क्योंकि डब्बू खान पहले राजद में थे और पूर्व मंत्री अली अशरफ फातमी के बेहद करीबी थे।