INDIA Alliance Divided on Lok Sabha Speaker OM Birla Election asking division of votes Congress TMC says what



Parliament Session 2024: 18वीं लोकसभा के लिए बुधवार (26 जून) को सांसद ओम बिरला को ध्वनि मत के साथ फिर से स्पीकर चुन लिया गया है. हालांकि, स्पीकर चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A पहले दिन ही बिखरा हुआ दिखाई दिया. टीएमसी और कांग्रेस के बयानों में विभाजन नजर आया. ओम बिरला के स्पीकर चुने जाने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से प्रतिक्रियाएं सामने आई.
लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, “मैं आपको औपचारिक तौर से कह रहा हूं, हमने (मत) विभाजन नहीं मांगा. हमने इसकी मांग इसलिए नहीं की क्योंकि हमें यह उचित लगा कि पहले दिन एक आम सहमति बने, एक आम सहमति का माहौल बने. यह हमारी ओर से एक रचनात्मक कदम था. हम (मत) विभाजन की मांग कर सकते थे.”
TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने जताई नाराजगी
वहीं, TMC नेता अभिषेक बनर्जी के बयान में नाराजगी साफ नजर आई. टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “नियम कहता है कि अगर सदन का कोई भी सदस्य मत विभाजन की मांग करता है तो प्रोटेम स्पीकर को मत विभाजन की अनुमति देनी होती है. आप लोकसभा के फुटेज में साफ तौर पर देख और सुन सकते हैं कि विपक्षी खेमे के कई सदस्यों ने मत विभाजन के लिए प्रस्ताव रखा और प्रस्ताव को मत विभाजन के बिना ही स्वीकार कर लिया गया. यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि यहां सत्तारूढ़ भाजपा के पास संख्या नहीं है. यह सरकार संख्या के बिना चल रही है, यह अवैध, अनैतिक और असंवैधानिक है.”

#WATCH टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “नियम कहता है कि अगर सदन का कोई भी सदस्य मत विभाजन की मांग करता है तो प्रोटेम स्पीकर को मत विभाजन की अनुमति देनी होती है। आप लोकसभा के फुटेज में साफ तौर पर देख और सुन सकते हैं कि विपक्षी खेमे के कई सदस्यों ने मत विभाजन के लिए प्रस्ताव रखा… pic.twitter.com/AI4JK08On9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2024

ध्वनि मत पर क्या बोले जयराम रमेश
इससे पहले जयराम रमेश ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट किया था. उन्होंने कहा था कि I.N.D.I.A जनबंधन की पार्टियों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कोडिकुन्निल सुरेश के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया. ध्वनि मत लिया गया. इसके बाद I.N.D.IA जनबंधन की पार्टियां मत के विभाजन के लिए जोर दे सकती थीं. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ऐसा इसलिए, क्योंकि वे चाहते थे कि आम सहमति और सहयोग की भावना प्रबल हो, जिसका प्रधानमंत्री और एनडीए के कार्यों में स्पष्ट रूप से अभाव होता है.”
यह भी पढ़ें- Parliament Session 2024: ‘मुझे खुशी है कि स्पीकर ने…’, ओम बिरला ने किया इमरजेंसी का जिक्र तो पीएम मोदी ने विपक्ष को ऐसे दिखाया आईना





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