Gujarat Assembly Election 2022 What Is Asadduddin Owaisi All India Plan For 2024 ANN


Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में चुनाव को लेकर सियासत तेज है. सभी पार्टियां चुनाव में जीत हासिल करने के लिए जोर-आजमाइश में लगी है. वहीं, असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM बेशक छोटी हो लेकिन, उसका असर जबरदस्त होता है. कहीं जीत हासिल करती है तो कहीं वोट काट कर किसी को हरा देती है. फिलहाल तो ओवैसी की नजरें गुजरात पर टिकी हैं लेकिन, असर राजस्थान तक दिखाई दे रहा है. सीएम अशोक गहलोत ने अल्पसंख्यकों को थामे रखने के लिए 150 करो़ड़ की योजनाओं का एलान किया तो सुनिए ओवैसी ने इस मुद्दे पर क्या कहा.  
ओवैसी को लेकर खौफ बेवजह नहीं है. बिहार का गोपालगंज इसी का नमूना है. गोपालगंज चुनाव में RJD उम्मीदवार 2183 वोटों से हार गया तो बीजेपी को जीत मनाने का मौका मिल गया. बीजेपी का किला बचा तो किलेदार ओवैसी को बताया जा रहा है क्योंकि उनके उम्मीदवार अब्दुल सलाम ने 12 हजार से ज्यादा वोट हासिल कर बीजेपी की जीत का रास्ता आसान कर दिया. यह तो साफ है कि ओवैसी जीत बेशक न पाएं लेकिन, खेल बिगाड़ सकते हैं. 
अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे से डर रही कांग्रेस 
एबीपी न्यूज से बातचीत में ओवैसी ने साफ कर दिया वो राजस्थान और कर्नाटक में चुनाव जरूर लड़ने वाले हैं. मध्य प्रदेश को लेकर वह अभी सोच रहे हैं. ओवैसी के चुनाव लड़ने से कांग्रेस खेमे में सबसे ज्यादा घबराहट होगी क्योंकि ओवैसी के चुनाव में उतरने से अल्पसंख्यक वोटों में बंटवारा होता है. गुजरात में कांग्रेस इसे लेकर अभी से घबरा रही है. Reels
बता दें कि, गुजरात में मुसलमानों की आबादी 9.67 फीसदी है. राज्य की 34 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की हिस्सेदारी 15 फीसदी और 21 विधानसभा सीटों पर 20 फीसदी या इससे ज्यादा है. ओवैसी के चुनावी मैदान में उतरने का मतलब इन सीटों पर कांग्रेस को सीधा नुकसान होना. ओवैसी को गुजरात में संभावना नजर आ रही है. 
मुस्लिमों के बीच ओवैसी की लोकप्रियता 
पिछले साल फरवरी में गुजरात में स्थानीय चुनाव हुए थे. AIMIM को इन चुनावों में 26 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इसमें मुस्लिम बहुल इलाके अहमदाबाद की सात सीटें, गोधरा में छह, मोडासा में नौ और भरूच की एक सीट शामिल हैं. मुस्लिमों के बीच ओवैसी की बढ़ती लोकप्रियता से कांग्रेस को सीधा नुकसान हो सकता है. बात सिर्फ गुजरात की नहीं है ओवैसी की पार्टी जितनी मजबूत होगी देश भर में कांग्रेस का अल्पसंख्यक वोटों पर कब्जा उतना मुश्किल होगा.  
इसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से समझना आसान होगा. यूपी में AIMIM ने 2017 चुनावों में 38 उम्मीदवार उतारे थे. उसे वोट मिले थे 0.24 फीसदी, जबकि 2022 में AIMIM ने 95 उम्मीदवार उतारे और 0.49 फीसदी वोट हासिल हुए. ये सारे वो वोट हैं, जो बीजेपी विरोधी वोट थे. अगर ओवैसी ज्यादा उम्मीदवार उतारते हैं जो बीजेपी विरोधी वोटों में ज्यादा बंटवारा होगा. यही वजह है कि ओवैसी के पैन इंडिया प्लान से कांग्रेस में घबराहट नजर आ रही है. 
ये भी पढ़ें: 
Himachal Election: पछाड़ सीट पर दिलचस्प है चुनावी जंग! बीजेपी के सामने होगी बागी दयाल प्यारी की चुनौती, रीना कश्यप के लिए मुकाबला आसान नहीं



Source link

Related Articles

Stay Connected

1,271FansLike
1FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles