Forest Fires: उत्तराखंड का जंगल इन दिनों धू धू कर जल रहा है. अगर इस साल की बात करें तो 2785 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. हर साल की तरह इस साल भी उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आग लगी हुई है. जंगलों में लगी इन आग को वन विभाग के कर्मचारी बुझाने में लगे हुए हैं. उत्तराखंड के 8 जिले ऐसे हैं जो सबसे ज्यादा आग से प्रभावित हुए हैं. इन जिलों में चीड़ के वन सबसे ज्यादा हैं. चीड़ की पत्तियों में सबसे ज्यादा आग लगती है वजह है जहां चीड़ के वन ज्यादा है.
आद लगने का एक कारण यहां के पर्यटकों को भी माना जाता है. दरअसल कई सारे पर्यटक उत्तराखंड घूमने आते हैं और घूमने के दौरान जली हुई सिगरेट या माचिस की तिलिया छोड़ देते हैं उससे सबसे ज्यादा आग लगती है. उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि हम लोग अवेयरनेस प्रोग्राम चला रहे हैं साथ ही आग लगने के जिम्मेदार कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
हेलीकॉप्टर की जरूरत नहीं
हेलीकॉप्टर से आग बुझाने के सवाल पर वन मंत्री कहते हैं की हेलीकॉप्टर की जरूरत नहीं है हेलीकॉप्टर की पंखुड़ियों की हवा से से आग और ज्यादा फैलती है. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सत्र 2022 में आग की 1713 घटनाएं हुई हैं.
6 लोग घायल हुए और एक की मृत्यु
जिसमें 2785 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है इसमें 6 लोग घायल हुए और एक की मृत्यु हुई है. मृतक महिला पिथौरागढ़ की रहने वाली जो घायल हुए हैं वह वन विभाग के कर्मचारी हैं. जिस महिला की मृत्यु हुई है वह पिथौरागढ़ वन प्रभाग के मुनस्यारी रेंज की है 31 मार्च तक आगजनी की घटनाएं कम थी लेकिन एकाएक अप्रैल के पहले हफ्ते में घटनाएं बढ़ी हैं.
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