Delhi Water Crisis AAP MLA Saurabh Bhardwaj Said Yamuna Lying Dry Haryana Is Not Releasing Water For Delhi ANN | Delhi Water Crisis: पानी को लेकर दिल्ली-हरियाणा सरकार में तकरार, सौरभ भारद्वाज बोले


Delhi Water Crisis: यमुना (Yamuna) में लगातार घटते जलस्तर (Water Level) को देखते हुए दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने यमुना में हरियाणा (Haryana) सरकार द्वारा अतिरिक्त जल छोड़ने काम मांग की, जिससे राजधानी में जलापूर्ति बिना किसी दिक्कत के पूरी हो सके. हालांकि, दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) हर संभव प्रयास कर रहा है कि वजीराबाद बैराज (Wazirabad Barrage) में जितना भी पानी है उसका इस्तेमाल ट्रीटमेंट के जरिए किया जा सके ताकि दिल्लीवालों को भीषण गर्मी में पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े. इसके लिए वजीराबाद बैराज में टेंपरेरी वॉटर मास्टर मंगाई गई है. बैराज पर 700-800 मीटर के वर्ग में फैले पानी को एकत्रित किया जा रहा है और फिर नए फ्लोटिंग पंप के जरिये पानी को ट्रीट किया जाएगा.
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के अधिकांश इलाकों में वॉटर सप्लाई पर असर दिख रहा है. पानी के इस संकट की प्रमुख वजह वजीराबाद बैराज है, जहां से दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में पानी जाता है. इस बैराज में लगातार जल स्तर कम हो रहा है. वजीराबाद बैराज में यमुना का पानी हरियाणा से होकर आता है. यहां से पानी को इकट्ठा कर ट्रीट किया जाता है और फिर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई किया जाता है. वजीराबाद बैराज पर जलस्तर लेवल यह दिखाता है कि हरियाणा से कितना पानी दिल्ली की तरफ छोड़ा जा रहा है. 
हरियाणा से यमुना में पानी नहीं छोड़ा जा रहा 
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के पोंड में पानी न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. इस न्यूनतम स्तर को समझने के लिए समुंद्र स्तर से इसे नापा जाता है. आज की तारीख में वजीराबाद बैराज में जलस्तर सामान्य 674.5 फुट से घटकर इस साल के न्यूनतम स्तर  667.70 फुट पर पहुंच गया है. इसका मतलब यह है अपने स्तर से करीब 7 फीट नीचे. अगर आप यमुना को यहां से देखेंगे तो मालूम होगा कि यमुना के पानी की जो गहराई है, यह वजीराबाद पर लगभग आधा फीट यानि कि 6 इंच से लेकर 1 फीट तक ही बची है. यह इस बात का संकेत है कि हरियाणा से बिल्कुल भी यमुना में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. वहीं, अगर आप पल्ला से आने वाले यमुना के पानी का जायजा लेंगे तो देखेंगे कि यमुना वहां पर पूरी तरह से सूख गई है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लोग यमुना के तल में क्रिकेट खेल रहे हैं और वहां पर गाड़ी चलाना सीख रहे हैं. क्योंकि वहां पर यमुना पूरी तरह से सूख गई है. इसके कारण दिल्ली के अंदर पानी का प्रोडक्शन करीब 100 एमजीडी तक प्रभावित हुआ है, जो पानी का एक बहुत बड़ा हिस्सा होता है. 
दिल्लीवालों को पानी की किल्लत से बचाने के क्या कर रही सरकार?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड हर संभव प्रयास कर रहा है कि वजीराबाद बैराज में जितना भी पानी है उसका इस्तेमाल हम ट्रीटमेंट के जरिए करें, ताकि दिल्लीवालों को भीषण गर्मी में पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े. फिलहाल यहां तक के पानी को ट्रीट करने वाले पंप भी पानी नहीं उठा पा रहे हैं. यमुना में इतना पानी भी नहीं है कि पंप उसे उठाया जा सके. इसलिए दिल्ली जल बोर्ड ने टेंपरेरी फ्लोटिंग पंप लगाए हैं, जो आगे गहराई में डाले जा रहे हैं. 
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने एक अन्य डिपार्टमेंट से एक टेंपरेरी वॉटर मास्टर मशीन मंगाई है. पहले नीचे की रेती को निकाल कर यहां पर एक तरीके से कैविटी क्रिएट की जा रही है, यानि गड्ढा बनाया जा रहा है, जिससे पानी वहां एकत्रित हो सके और पानी का स्तर इतना मिल जाए कि उसे टेंपरेरी तौर पर लगाए गए नए पंप उठा सके. साथ ही वजीराबाद बैराज पर 700-800 मीटर के वर्ग में फैले पानी को इकट्ठा करके उसे नए पंप के जरिए पानी को ट्रीट किया जा रहा है. 
यमुना में हरियाणा सरकार द्वारा अतिरिक्त जल छोड़ने की मांग 
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पानी को स्टोर नहीं किया जा सकता है. पानी रोज ट्रीट किया जाता है और आगे आपूर्ति की जाती है. स्टोरेज का कोई तरीका नहीं होता है. दिल्ली हमेशा से पानी के लिए नदियों पर निर्भर रहा है और नदियां एक राज्य से दूसरे राज्य में बहती हैं. अगर आने वाला राज्य नदी के बहाव को रोक देगा तो दूसरे राज्य में पानी नहीं जाएगा. ऐसे में जाहिर सी बात है कि अगर हरियाणा ने पानी रोका है तभी यहां पानी नहीं आ पा रहा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर हरियाणा पानी छोड़ेगा तो यहां पानी आ पायेगा. क्योंकि दिल्ली में पानी का कोई अपना स्त्रोत नहीं है. दिल्ली में जितनी झीलें है उनके आसपास जो भी पानी वो जमीन में जा रहा है, उसे दिल्ली जल बोर्ड पिछले एक-डेढ़ साल से इस्तेमाल कर रहा है तभी डीजेबी ने अपना प्रोडक्शन बढ़ाया है. 
क्या बोले दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली को हम रोजाना 1 हजार एमजीडी पानी की आपूर्ति करते हैं. आज यह प्रोडेक्शन 900 एमजीडी से भी कम है. वर्तमान में करीब 100 एमजीडी से ज्यादा पानी की कमी दिल्ली में है. 100 एमजीडी पानी जो यहां से प्रोडयूस किया जाता था वो अब नहीं कर पा रहे है. इसी के चलते दिल्ली में पानी की बहुत कमी है. पानी का कोई विकल्प नहीं है. हरियाणा अगर पानी छोड़ेगा तभी दिल्ली में पानी आएगा. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हरियाणा सरकार को मानवीय आधार पर इस भीषण गर्मी में दिल्लीवालों की प्यास बुझाने के लिए पानी की आपूर्ति करनी चाहिए. हरियाणा सरकार से निवेदन है कि दिल्ली के नागरिकों को पानी दें, ताकि लोगों को उनके अधिकारों से वंचित न रखा जाए. अगर हरियाणा यमुना का पानी छोड़ेगा तो दिल्ली के लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है. इससे लोगों के लिए पानी मुहैया कराया जा सकेगा. जब हरियाणा पानी छोड़ देगा तो एक दो दिनों के अंदर वज़ीराबाद बैराज में पानी आ जाएगा. 
वज़ीराबाद बैराज के बारे में जानिये 
दिल्ली एक लैंडलॉक शहर है. यहां ज़्यादातर पानी की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से आने वाली नदी से होती है. यूपी गंगा के पानी की आपूर्ति करता है और हरियाणा से यमुना के पानी की आपूर्ति होती है. वहीं, पंजाब के भाखड़ा नंगल से भी कुछ पानी मिलता है. इनमें सबसे ज्यादा पानी की आपूर्ति हरियाणा से होती है. यमुना दिल्ली में वजीराबाद बैराज से 15 किमी ऊपर पल्ला में प्रवेश करती है, जो दिल्ली का एक मुख्य जलाशय है. वज़ीराबाद बैराज को साल 1959 में उत्तरी दिल्ली में यमुना नदी पर बनाया गया था. बैराज एक विशेष प्रकार का बांध होता है, जिसमें बड़े-बड़े गेट की श्रंखला होती है. बैराज द्वारा नदियों के प्रवाह और उनके जलस्तर को नियंत्रित किया जाता है. इस साल वजीराबाद तालाब का जलस्तर गिरकर इस साल के न्यूनतम 667 फुट के स्तर पर आ गया है. इस संबंध में दिल्ली जल बोर्ड की ओर से लगातार हरियाणा सिंचाई विभाग से स्थिति में सुधार की मांग की जा रही है.
हेल्पलाइन नंबर के जरिए टैंकर की मिल सकती है मदद 
यमुना नदी में हरियाणा द्वारा कम पानी छोड़ने की वजह से वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला में जल उपचार संयंत्रों से पानी का उत्पादन प्रभावित हुआ है. ऐसे में जलस्तर में सुधार होने तक पानी की आपूर्ति कुछ इलाकों में प्रभावित रह सकती है. ऐसे में पानी की किल्लत से परेशान लोग दिल्ली जल बोर्ड के केंद्रीय नियंत्रण सेंटर 1916 पर टैंकर के लिए मदद मांग सकते हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल से की मुलाकात
इस पूरे मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर आज दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से भी मुलाकात के दौरान चर्चा की जिसमें उन्होंने उपराज्यपाल से कहा कि हमें इसमें नहीं जाना कि हरियाणा पूरा पानी दे रहा हैं या नहीं, हमें जितने पानी की जरूरत है, उसकी पूर्ति के लिए थोड़ा सा ज्यादा पानी वो दें. इंसानियत के तौर पर उनको ये करना चाहिये. क्योंकि यमुना में पानी काफी कम हो गया है. हमें यह देखना है कि दिल्ली में कितने पानी की जरूरत है और पड़ोसी राज्य से कितना पानी मिल जाएगा तो जरूरत की पूर्ति हो जाएगी. 
बीजेपी ने लगाया झूठ बोलने का आरोप
वहीं पानी की इस कमी को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के इस बयान पर दिल्ली बीजेपी (Delhi BJP) प्रवक्ता हरीश खुराना (Harish Khurana) ने कहा कि एक बार फिर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली (Delhi) की जनता से झूठ बोला है कि हरियाणा (Haryana) दिल्ली को पानी नहीं दे रहा. हर साल गर्मियां आते ही दिल्ली की सरकार बहाना मारती है और अपनी नाकामियों का ठीकरा दूसरे राज्य पर डाल देती है. हरीश खुराना ने कहा कि RTI से खुलासा हुआ है हरियाणा ने पिछले सात सालों में एक बूंद भी पानी नहीं रोका बल्कि हर साल ज़्यादा ही पानी दिया है. इस दौरान हरीश खुराना ने सवाल पूछा कि आख़िर दिल्ली में पानी की सप्लाई बढ़ाने के लिए केजरीवाल सरकार ने क्या किया, कब तक वे दूसरे राज्यों पर अपनी नाकामी का ठीकरा फोड़ते रहोगे. बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने मुख्यमंत्री से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की और कहा पिछले सात सालों दिल्ली में पानी की सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार ने क्या किया? 
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