Delhi Liquor Policy Case ED Interrogates Sarvesh Mishra Close Aide To AAP Leader Sanjay Singh


ED Interrogates Sarvesh Mishra: दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में शुक्रवार (6 अक्टूबर) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के करीबी सर्वेश मिश्रा से पूछताछ की. ईडी ने संजय सिंह के दो सहयोगियों सर्वेश मिश्रा और विवेक त्यागी को शुक्रवार को तलब किया था. 
सर्वेश मिश्रा सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे ईडी के दफ्तर पहुंचे थे. जांच एजेंसी ने उनसे क्या बातचीत की, क्या उन्हें संजय सिंह के सामने बैठाकर सवाल-जवाब किया गया, यह तो सामने नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है कि ईडी ने अपनी ओर से जब्त किए गए सबूतों के बारे में पूछताछ की होगी. सूत्रों के मुताबिक, सर्वेश मिश्रा से करीब 9 घंटे तक पूछताछ चली. सर्वेश मिश्रा आम आदमी पार्टी में प्रवक्ता के पद पर हैं.
बुधवार को ईडी की छापेमारी के बाद हुई थी संजय सिंह की गिरफ्तारी
संजय सिंह की गिरफ्तारी बुधवार (4 अक्टूबर) को हुई थी. ईडी ने उनके आवास पर छापा मारकर उनकी गिरफ्तारी की थी. अगले दिन (5 अक्टूबर को) दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने संजय सिंह को पांच दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया था. जांच एजेंसी ने हालांकि कोर्ट से ‘आप’ नेता की 10 दिन की रिमांड मांगी थी. 
आरोप है कि आरोपी कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह के आवास पर दो बार में दो करोड़ रुपये नकद दिए थे. संजय सिंह इस आरोप को खारिज कर चुके हैं. ईडी ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को कोर्ट में दावा किया था संजय सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मदद से दिल्ली आबकारी नीति ‘घोटाले’ के लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का वादा किया था.
संजय सिंह को लेकर ईडी ने कोर्ट में किया था ये दावा
ईडी ने कहा था, “जांच से पता चला है कि संजय सिंह ने अमित अरोड़ा और दिनेश अरोड़ा के कहने पर आईएमएफएल ब्रांड के लिए ब्रांड पंजीकरण मानदंड बढ़ाने के वास्ते 2020-21 की तत्कालीन प्रस्तावित आबकारी नीति में मनीष सिसोदिया के माध्यम से बदलाव कराने का आश्वासन दिया था.”
जांच एजेंसी ने कहा, “इसके बदले में संजय सिंह के एक सहयोगी/टीम सदस्य यानी विवेक त्यागी को अमित अरोड़ा यानी अरालियास हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की व्यावसायिक कंपनी में हिस्सेदारी दी गई थी.” बता दें कि सिसोदिया के करीबी माने जाने वाले कारोबारी दिनेश अरोड़ा कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी थे, बाद में वह सरकारी गवाह बन गए थे.
(भाषा इनपुट के साथ)
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