Delhi Government Education Song Launched Manish Sisodia Said Not Song Its Resolution ANN | ‘इरादा कर लिया है…’, लॉन्च हुआ दिल्ली सरकार का एजुकेशन सॉन्ग, सिसोदिया बोले


दिल्ली सरकार ने आज मंगलवार को ‘दिल्ली एजुकेशन सॉन्ग’ को लॉन्च किया. इस गाने की शुरुआत कुछ इस तरह है ‘ये नन्हे फूल ही एक दिन नया भारत बनाएंगे, इरादा कर लिया है हम इन्हें ऐसा पढ़ाएंगे’. इन्हीं लाइनों के साथ ये पूरा गीत तैयार किया गया है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस सॉन्ग को लॉन्च किया.
इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा, “एक इंसान अपने जीवन के महत्वपूर्ण 20 साल शिक्षा को देता है, लेकिन 20 साल लंबी शिक्षा देकर हम चाहते क्या हैं? हमारा इरादा क्या है? बच्चा, माता-पिता, समाज और राष्ट्र शिक्षा से चाहते क्या हैं? इन्हीं सवालों का जबाब ये शिक्षा गीत देगा.”
ये इरादा है कि उन्हें कैसे पढ़ाएंगे- सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा, “शायद ही दुनिया में शिक्षा से जुड़ा ऐसा व्यक्ति नहीं होगा, जो इस गीत को सुनकर ये नहीं सोचेगा कि उसकी पढ़ाई का असल इरादा वही था, जो इस गीत में है. इस गीत को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली का शिक्षा गीत केवल एक गीत नहीं, बल्कि संकल्प है कि हम सब मिलकर अपने बच्चों को कैसी शिक्षा देंगे, ये इरादा है कि उन्हें कैसे पढ़ाएंगे.”
शिक्षा प्रणाली में रोज नए बदलाव आए- सिसोदिया
इस दौरान शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली का शिक्षा विभाग देश व दुनिया का पहला ऐसा शिक्षा विभाग होगा, जिसने अपना शिक्षा गीत बनाया है. पिछले 5-7 साल से दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में रोज नए बदलाव आए हैं. सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग, प्राइवेट स्कूलों से भी शानदार हो गई है, लेकिन क्या शिक्षा का इरादा केवल 5 स्टार चमचमाते स्कूल बिल्डिंग बनाना व सुविधाएं देना है? क्या शिक्षा का इरादा केवल अच्छे नतीजे लेकर आना है? बच्चों का आईआईटी, लॉ, मैनेजमेंट, मेडिकल जैसे क्षेत्रों में चयनित होना या बेहतर नौकरी पा लेने भर तक सीमित है?”
मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा का इरादा केवल यहां तक सीमित नहीं है, बल्कि उससे कही ज्यादा है. उन्होंने कहा, “दुनिया का कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का जो सपना देखता है, हमारी नई शिक्षा नीति में जो चीजें 68 पन्नों में कही गई है, वो सब बातें, विजन, शिक्षा को लेकर देखे गए सपने इस गीत में समाहित है.”
उन्होंने कहा कि ये केवल दिल्ली का शिक्षा गीत नहीं है, बल्कि पूरे देश में शिक्षा को लेकर देखे गए सपने को पूरा करने का गीत है. उन्होंने कहा, “एक इंसान अपने जीवन के महत्वपूर्ण 20 साल शिक्षा को देता है, लेकिन 20 साल लंबी शिक्षा देकर हम चाहते क्या हैं? हमारा इरादा क्या है? बच्चा, माता-पिता, समाज और राष्ट्र शिक्षा से चाहते क्या हैं? ये गीत इन्हीं सवालों का जवाब है.”
‘हमारी शिक्षा का असली मकसद देश को समाज को खड़ा करना है’
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “हमारी शिक्षा का इरादा केवल मैथ्स, हिस्ट्री ,इकोनॉमिक्स जैसे विषयों के कॉन्सेप्ट्स समझना मात्र नहीं है, बल्कि हमारी शिक्षा का असली मकसद देश को समाज को खड़ा करना है. वरना पढ़ने-लिखने के बाद भी कोई जात-पात के आधार पर भेद-भाव करे, तो वो पढ़ा ही क्या? जो महिलाओं का सम्मान न करे, वो पढ़ा ही क्या? जो इंसान को इंसान न समझे वो पढ़ा ही क्या?”
उन्होंने कहा, “आज वर्तमान में हम देखते हैं कि लोग सड़कों पर गुंडई करते हैं, ये देखकर डर लगता है कि हमारे देश को क्या हो गया है? सड़कों पर गुंडई करने वाले ये लोग आम लोगों के घरों में घुस जाते हैं, दुकानों में घुस जाते हैं. ऐसी पढ़ाई का क्या ही मतलब जहां ये लोग पढ़े लिखे लोगों को भी मूर्खों की तरह लड़वा देते हैं.”
मनीष सिसोदिया ने कहा, “इस गीत के माध्यम से संकल्प ऐसा समाज खड़ा करने का है, जहां लफंगई-गुंडई न हो, कोई महिलाओं का असम्मान न करे, लोग आपस में न लड़े, एक-दुसरे का साथ देकर राष्ट्र के लिए खड़े रहे और ज्ञान-विज्ञान में इतनी तरक्की करें कि पूरा विश्व भारत को सलाम करें.” 
उन्होंने कहा, “शिक्षा से जुड़ा हर व्यक्ति इस गीत को जीये-समझे व स्कूलों में हम हर बच्चे को इतनी स्वतंत्रता दें कि वो कुछ गलत होता देखे, तो अपने शिक्षक से लेकर किसी अधिकारी से भी सवाल कर सके. यदि हम ये परिवर्तन ला सकें, तो ये गीत और इसका मकसद सफल हो जाएगा.”
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