Delhi Excise Policy Case Manish Sisodia Bail Plea Hearing In Court CBI Arrest


Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले की जांच चल रही है. इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया और बाद में ईडी ने अपनी हिरासत में ले लिया. फिलहाल सीबीआई की गिरफ्तारी के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर मंगलवार (21 मार्च) को सुनवाई हुई. अब अगली सुनवाई 24 मार्च को दोपहर 2 बजे होगी.
वहीं, इसी कथित घोटाले में ईडी वाले केस में भी मनीष सिसोदिया ने जमानत याचिका दाखिल की है. इस पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. अब ईडी वाले मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 25 मार्च को सुनवाई होनी है. 
क्या कहा मनीष के वकील ने?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील दयाल कृष्णन ने कहा कि मोबाइल फोन सीज हो चुका है. अन्य फोन सेट को लेकर हम जवाब दे चुके हैं. हमारी अपील है कि अब जमानत पर रिहाई का आदेश दिया जाए. वहीं, उन्होंने सीबीआई की जांच पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सीबीआई कानून के दायरे में काम नहीं कर रही है. सीबीआई को जो डिवाइस मिले हैं उसमें सीधे तौर पर मनीष के खिलाफ कुछ नही मिला है.
इस मामले में सीबीआई सिर्फ मनीष सिसोदिया को परेशान कर रही है. आबकारी केस के सीबीआई वाले मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. सीबीआई के पास इस मामले में अब कुछ नया नहीं है. इसके अलावा सिसोदिया के वकील ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का हवाला भी दिया.
सिसोदिया के वकील ने कहा कि एलजी के सीबीआई को जांच सौपे जाने वाले दिन मोबाइल फोन बदला जाना सिर्फ एक इत्तेफाक है. सिसोदिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि वह एक पब्लिक सर्वेंट हैं, मामले में दो और पब्लिक सर्वेंट हैं जिनको गिरफ्तार भी नहीं किया गया और उनको जमानत मिल चुकी है.
इसके अलावा, मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनका बेटा विदेश में पढ़ता है. ऐसे में मेरी जिम्मेदारी बनती है कि वो अपनी बीमार पत्नी की देखरेख करें. वो एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और उनका परिवार दिल्ली में रहता है. वहीं, सिसोदिया के वकील ने ये भी कहा कि मनीष सिसोदिया लगातार सीबीआई जांच में सहयोग कर रहे हैं. ऐसे में अदालत को जमानत पर विचार करने की जरूरत है.    
सीबीआई के वकील की दलील
वहीं, सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया के पास 18 मंत्रालय थे. उनको सारी जानकारी थी. सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा कि आबकारी मामले में एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को रवि धवन ने तैयार किया था. वही रवि धवन आबकारी मामले की रिपोर्ट देखकर डिस्टर्ब हो गए. इस मामले में सीधे तौर पर लोगों फायदा पहुंचाना था.
इसके अलावा, सीबीआई की ओर से दलील देते हुए कहा गया कि आबकारी मामले में मनीष सिसोदिया ने पहले रवि धवन को हटाया और राहुल सिंह को लेकर आए. उसके बाद आबकारी नीति में बदलाव किए गए. उसके बाद आबकारी नीति बनाकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया गया.
मामले में एक्सपर्ट कमेटी में काम करने वाले राहुल सिंह ने जब तीन बड़े कानून विदों के सुझाव आबकारी नीति के मामले में शामिल किए थे, वह फ़ाइल गायब कर दी गई और उसके बाद मनीष सिसोदिया ने राहुल सिंह को हटा दिया और फिर संजय गोयल को लाया गया. संजय गोयल ने लीगल ओपिनियन को एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में शामिल नहीं किया और फ़ाइल आगे बढ़ा दी. डीपी सिंह ने कोर्ट में कहा कि इस पॉलिसी पर जब फैसला लिया गया तो मिनट्स ऑफ मीटिंग भी नहीं हैं. इस पर जज ने पूछा कि कैबिनेट नोट, पूरी फाइल ट्रेस नहीं हुई? तो डीपी सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि इस तरह की कोई फाइल मौजूद नहीं है.
सीबीआई के वकील ने कहा, “मनीष सिसोसदिया के कहने पर यह बदलाव किए गए. दिल्ली आबकारी मामले में जब सरकार आबकारी नीति में बदलाव कर रही थी तो प्राइवेट पार्टी ने तीन बड़े क़ानून विदों से सुझाव लिए थे. इसमें पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई, पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के जी बालाकृष्णन और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी शामिल हैं. सीबीआई ने कहा इन तीन बड़े कानून विदों से सलाह ली गई थी.”
उन्होंने आगे कहा कि दरअसल 2021 के उन अहम चार महीनों में चैट हो रही थी और इसलिए बार-बार फोन बदल रहे थे. क्योंकि यह एकमात्र विभाग नहीं था जिसे वे संभाल रहे थे. जब तक उसकी अनियमितताओं का पता नहीं चला तब तक वह एक संत बने रहे.
सीबीआई ने कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की दलील पूरी सीबीआई की तरफ से कहा गया कि मनीष सिसोदिया को जमानत न दी जाए क्योंकि अगर मनीष सिसोदिया को जमानत दी जाती है तो सीबीआई की जांच प्रभावित होगी. मनीष सिसोदिया एक प्रभावी व्यक्ति हैं और अगर वह जमानत पर बाहर आते हैं तो वह गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. सीबीआई ने कहा कि GOM रिपोर्ट के 36 पेजों का फोटो कॉपी किया गया था. सीबीआई ने कहा कि कोविड पीक के दौरान चार्टेड फ्लाइट के जरिये साउथ ग्रुप दिल्ली आया, बुचिबाबू ने अपनी व्हाट्सएप चैट में कहा कि वह जीवन में पहली बार चार्टेड फ्लाइट में बैठा था.
सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कहा कि जब हमने कंप्यूटर की जांच की 15 फरवरी को तो सिसोदिया के कंप्यूटर पर एक नोट तैयार किया गया, उसमें दो महत्वपूर्ण बातें थीं एक कमीशन 5 प्रतिशत बताया गया और दूसरा थोक के लिए पात्रता की आवश्यकता 100 करोड़ थी.
उन्होंने कहा कि 65 फीसदी मैन्युफैक्चरिंग दो बड़ी कंपनियों का है और 14 फीसदी में अन्य छोटे निर्माता हैं. उन 65 प्रतिशत पर साऊथ ग्रुप ने कब्जा कर लिया था. सीबीआई ने कहा कि यह बिल्कुल साफ है विजय नायर को क्यों नियुक्त किया गया. वहीं, कोर्ट ने पूछा कि आपकी जांच के अनुसार अब तक कितनी घूस का पता आपको चला है तो इस पर सीबीआई के वकील ने जवाब देते हुए कहा कि 100 करोड़ की घूस दी गई, सवाल यह है कि क्या हवाला के जरिये लिए गए पैसे को कितना बरामद किया जा सकता है.
सीबीआई ने कहा कि 14 से 17 मार्च के बीच साउथ ग्रुप ओबरॉय होटल में रुका, वहां पर बैठकें हुईं, वहां पर 36 पेजों की फोटो कॉपी की गई, उस का बिल हमारे पास है. CBI ने कहा कि सिसोदिया के कंप्यूटर से प्रिंट आउट लिया गया और फिर उसकी फोटो कॉपी की गई थी.
ये भी पढ़ें: Delhi Excise Policy Case: कोर्ट ने CBI के मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ाई



Source link

Related Articles

Stay Connected

1,271FansLike
1FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles