दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह पेपरलेस (paperless) होगी. इस मामले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि सदन में रखे जाने वाले सभी दस्तावेज केवल अब ई-पेपर के रूप में ही पटल पर रखे जाएंगे. हर एक सत्र में लाखों पन्ने के दस्तावेज सदन में रखे जाते हैं जो अब केवल सॉफ्ट-कॉपी के रूप में ही रखे जाएंगे. इसके लिए सभी विधायकों को ई-पैड दिए गए हैं ताकि दिल्ली विधानसभा की सभी कार्यवाही डिजिटल मोड में की जा सके. दिल्ली विधानसभा को पेपरलेस बनाने के लिए 20 करोड़ रूपए बजट का प्रावधान रखा गया है.
दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह से पेपरलेस
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ”दिल्ली विधान सभा अब पूरी तरह पेपरलैस होगी. सदन में रखे जाने वाले सभी दस्तावेज, केवल अब ई-पेपर के रूप में ही पटल पर रखे जाएंगे. हर सत्र में लाखों पन्ने के दस्तावेज सदन में रखे जाते हैं, जो अब केवल सॉफ्ट-कॉपी के रूप में ही रखे जाएंगे”.
दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह paperless होगी. सदन में रखे जाने वाले सभी दस्तावेज़ केवल अब ई-पेपर के रूप में ही पटल पर रखे जाएँगे. हरेक सत्र में लाखों पन्ने के दस्तावेज़ सदन में रखे जाते हैं जो अब केवल सॉफ़्ट-कॉपी के रूप में ही रखे जाएँगे.
— Manish Sisodia (@msisodia) March 29, 2022
सभी विधायकों को दिए गए हैं ई-पैड
आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती ने विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल की इस पहल की सराहना करते हुए दिल्ली विधानसभा में धन्यवाद प्रस्ताव भी पेश किया. आपको बता दें कि इस बार का बजट पूरी तरह ई-बजट रखा गया. इसके लिए दिल्ली के सभी विधायकों को ई-पैड दिए गए हैं ताकि दिल्ली विधानसभा की सभी कार्यवाही मैनुअल की जगह पर डिजिटल मोड में हो सके. इस परियोजना में विधायकों को सदन की कार्यवाही में वर्चुअल रूप से शामिल करने के लिए एक सुविधा का निर्माण भी शामिल है. इसका मकसद पेपरलेस होने के साथ-साथ गति और दक्षता के लिए विधानसभा के कामकाज को मैनुअल से वेब-आधारित डिजिटल समाधान में बदलना है.
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