Chintan Shivir CAPF And Border Security Forces Asked To Check Illegal Encroachment In Border Areas Inform IB, RAW Pakistan Bangladesh


Border Security Forces: पड़ोसी देशों की सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बलों (बीएसएफ) को उनके अभियान के क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण और संभावित संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है. सीमा सुरक्षा बल पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल सीमा पर तैनात है.
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार (12 जून) को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) में तैनात आईपीएस अधिकारियों के ‘चिंतन शिविर’ में इस मुद्दे पर चर्चा की गई. इसके साथ ही कई योजनाओं को अंतिम रूप दिया गया. 
अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी निगरानी रखने के निर्देश
बैठक से जुड़े सूत्रों ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि इन बलों के टॉप अधिकारियों और अन्य सीनियर कमांडरों को अपने संबंधित क्षेत्रों में हो रहे किसी भी अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है. सूत्रों ने कहा कि अगर किसी संदिग्ध प्रतिष्ठान का पता चलता है, तो इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) जैसी केंद्रीय एजेंसियों को फौरन सूचित किया जाना चाहिए.
‘राज्य के अधिकारियों को भी जागरूक किया जाए’
सूत्रों ने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस और खुफिया तंत्र जैसे संबंधित राज्य के अधिकारियों को भी इन गतिविधियों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए. इसमें यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसी भी नापाक गतिविधियों को रोका जाए. उन्होंने कहा कि एनएसजी के अलावा बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ जैसे बलों के सीनियर अधिकारियों को इस बारे में सख्ती से निपटने के लिए कहा गया है.
सीमा पर इमारतों और धार्मिक स्थलों की सूचना
सीमा सुरक्षा बल पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा पर तैनात है. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस चीनी नियंत्रण रेखा पर तैनात है. जबकि सशस्त्र सीमा बल नेपाल और भूटान की सीमा पर मोर्चा संभालती है. सीएपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इन सुरक्षा बलों ने अपनी खुफिया जानकारी जुटाने के बाद पहले संदिग्ध गोदामों, इमारतों और धार्मिक स्थलों के भारतीय सीमा के पास आने की सूचना दी थी. सुरक्षा बलों ने इन गतिविधियों के साथ में सीमा पर सुरक्षा के बारे में चिंता जाहिर की थी. 
सूत्रों ने बताया कि ‘सरहद को जाने’ विषय के तहत सीमा सुरक्षा बलों को गांव और क्षेत्र का 2000 साल का इतिहास तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है, जहां उन्हें तैनात किया गया है. बाद में इन अभिलेखों का इस्तेमाल सैनिकों के प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा.
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