Chandrayaan 3 Attempt To Reach The Moon Orbit Know Latest Update


Chandrayaan 3 Mission Update: चंद्रयान-3 वर्तमान में चंद्रमा के ऑर्बिट तक पहुंचने के उद्देश्य से ऑर्बिट मैनेजमेंट की एक श्रृंखला से गुजर रहा है. इसके दो चरण हैं, जिसमें पहला पृथ्वी से जुड़ा और दूसरा चंद्रमा से जुड़ा है. स्पेसशिप इस समय पृथ्वी से जुड़े चरण में है. 
चंद्रयान-3 कंपोनेंट्स में अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल सबसिस्टम शामिल हैं. इनका उद्देश्य सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित करना है. इसके अलावा रोवर को छोड़ने, दोतरफा संचार संबंधी एंटीना और ऑनबोर्ड इलेक्ट्रॉनिक्स की व्यवस्था भी है. 
चंद्रयान-3 का लिफ्ट-ऑफ भार लगभग 3,896 किलोग्राम है और लैंडर और रोवर की मिशन लाइफ लगभग एक लूनर डे यानी पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है. लैंडर के लिए निर्धारित लैंडिंग साइट 690S, दक्षिणी ध्रुव है. अब चंद्रयान-3 चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है. 
कब होगी चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग?
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 के चंद्रमा के पास पहुंचने के बीच 5 अगस्त 2023 को लूनर-ऑर्बिट इंसर्शन (चंद्र-कक्षा अंतर्वेश) की प्रक्रिया को अंजाम देने की योजना है. इसरो ने कहा है कि वह आगामी 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश करेगा. 
14 जुलाई को की गई थी लॉन्चिंग
इससे पहले चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को प्रक्षेपित किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था. गौरतलब है कि 2019 में चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर चंद्रमा की सतह पर क्रैश हो गया था. 
चंद्रयान-2 से कैसे अलग है चंद्रयान-3
चंद्रयान-2 मिशन अंतिम क्षणों में लैंडर विक्रम के पाथ डेविएशन के चलते सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था. इसलिए चंद्रयान-2 की तुलना में चंद्रयान-3 को सॉफ्ट और सुरक्षित लैंडिंग कराने के लिए वाइड रेंज के ऑटोनॉमस फॉर्म से संभालने की क्षमताओं के साथ डिजाइन किया गया है. 
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