बरामद किए गये आपत्तिजनक सामान
– फोटो : अमर उजाला
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केन्द्रीय चयन पार्षद (सिपाही भर्ती) परीक्षा में नकल के माध्यम से नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने उद्भेदन किया है। पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 10 वॉकी टॉकी, 20 वॉकी टॉकी का एंन्टीना, 10 बॉकी टॉकी चार्जर, 32 ब्लूटूथ मक्खी इयर फोन सहित कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस बरामद किया है।
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इनकी हुई है गिरफ्तारी
केन्द्रीय चयन पार्षद (सिपाही भर्ती) परीक्षा रविवार 1 अक्टूबर, 07 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को होनी है, लेकिन परीक्षा से पहले ही पुलिस ने परीक्षा में नकल के माध्यम से नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान उजियारपुर मालती के प्रयाग सिंह के पुत्र संतोष कुमार उर्फ गुड्डू , कर्पूरीग्राम थाने के कोण बाजित पुरी के रामचंद्र सिंह के पुत्र मनीष कुमार उर्फ संतोष, दलसिंहसराय थाने के कमरांव गाव के सत्यनारायण महतो का पुत्र अंकित कुमार व रोसड़ा थाने के महरौल गांव के नागेश्वर राय के पुत्र गौतम कुमार के रूप में की गई है।
गुप्त सूचना पर की गई कार्रवाई
प्रभारी एसपी सागर कुमार(सिटी एसपी दरभंगा) का कहना है कि पुलिस को सूचना मिली कि समस्तीपुर में बहाली को लेकर सेटिंग करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। जो अभ्यार्थियों को नकरी पक्की कराने का प्रलोभन देकर उनसे मोटी रकम लेते हैं। फिर उन्हें ब्लूटूथ एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस उपलध कराए जाते हैं। इस बात की सूचना मिलने पर पुलिस हरकत में आई और आस पास के क्षेत्रों में मानवीय एवं तकनीकी सूचना के आधार पर छापामारी करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से पुलिस ने ब्लूटूथ (मक्खी) के साथ साथ विभिन्न प्रकार के डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं।
अभ्यर्थियों के नकली प्रवेश और प्रमाण पत्र के साथ कई आपत्तिजनक सामान बरामद
प्रभारी एसपी सागर कुमार ने बताया कि पुलिस की छापेमारी में कई अभ्यर्थियों का प्रवेशपत्र और उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र की मूल प्रति / विभिन्न अभ्यर्थियों का हस्ताक्षरित सादा चेक / पेन ड्राईव आदि बरामद किए गये हैं। इसके अलावा उनके पास से 10 वॉकी टॉकी, 20 वॉकी टॉकी का एंन्टीना, 10 बॉकी टॉकी चार्जर, 32 ब्लूटूथ मक्खी इयर फोन सहित कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस भी बरामद किए गये हैं।
बताया पूरा खेल
एसपी का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों ने अपने स्वीकारोक्ति में बताया कि सिपाही भर्ती परीक्षा में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को कई अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराने की योजना थी। इन्होंने बताया कि परीक्षा से पूर्व ये लोग अभ्यर्थियों को सिस्टम उपलब्ध कराने के एवज में उनके मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र एवं 20-25 हजार रूपये लिए गये थे। परीक्षा समाप्ति के उपरांत दो से ढ़ाई लाख रुपए और फिर अंतिम चयन के उपरांत 05-07 लाख रुपए मिलना था। उसके बाद इन लोगों के द्वारा उन अभ्यर्थियों को गारंटी के तौर पर लिये गये मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र को लौटाया जाना था। पूछ-ताछ के दौरान इन लोगों से इस फर्जीवाड़ा गिरोह के अन्य लोगों की संलिप्ता का भी पुख्ता साक्ष्य मिले है जिनके बैकवॉर्ड / फारवार्ड लिंकेज का पता कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।