एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर
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मुजफ्फरपुर जिला एवं उसके आसपास के इलाकों में एईएस का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को एसकेएमसीएच के पीआईसीयू वार्ड में चिकित्सकों ने इलाजरत तीन माह के बच्चे में एईएस की पुष्टि की है। पीड़ित बच्चे की पहचान पियर थाना क्षेत्र के चंदौली निवासी रतनराम के पुत्र शिवांश के रूप में की गई है जिसको डॉक्टरों ने एईएस बीमारी से पीड़ित बताया है। चिकित्सक का कहना है कि बच्चे में हाइपोग्लाइसिमिया की वजह से एईएस हुआ है। शिवांश पियर थाना क्षेत्र के चंदौली का रहनेवाला है।
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चमकी बुखार की स्थिति में कराया गया था भर्ती
परिजनों का कहना है कि शिवांश को चमकी बुखार से पीड़ित था। उसकी स्थिति काफी गंभीर थी। आननफानन में परिजनों ने उसे एसकेएमसीएच के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया। बच्चे का इलाज शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गोपाल शंकर सहनी के यूनिट में चल रहा है।
क्या है एईएस
एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक सह विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि एईएस को मस्तिष्क ज्वर या जापानी इंसेफलाइटिस या दिमागी बुखार या फिर चमकी बुखार भी कहते हैं। उन्होंने बताया कि एक वायरल बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होता है। अत्यधिक गर्मी और नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है। ऐसे में बच्चों पर काफी ध्यान देने की जरुरत होती है।
अब तक इतने बच्चों में हो चुका है एईएस
एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक सह विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि अबतक एईएस के 68 के सामने आए हैं। जिसमें सात केश में जापानी इंसेफेलाइटिस पुष्टि हुई है। मुजफ्फरपुर के 40, पूर्वी चंपारण के 7, सीतामढ़ी के 14, शिवहर के 3 , गोपालगंज के 1 और पश्चिम चंपारण के 3 बच्चे पीड़ित हुए। सभी बच्चे स्वस्थ्य होकर घर लौटें है। डॉ. सहनी ने बताया है कि जागरूकता अभियान से ग्रामीण इलाकों के लोग जागरूक हुए हैं। समय से अस्पताल पहुंच रहे है। नतीजतन सभी स्वस्थ्य होकर लौट रहे हैं।