एनआईए कोर्ट में सुनवाई (फाइल फोटो)
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नकली नोट केस में एनआईए की विशेष अदालत, पटना ने एक आरोपी को सजा सुनाई है। कोर्ट ने दो अलग-अलग केस में इस आरोपी को सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई और 30 हजार रुपये जुर्माना का लगाया। विशेष न्यायाधीश अभिजीत सिन्हा की कोर्ट में आवेदन दाखिल कर नेपाल के सिमरनगढ़ थाना क्षेत्र स्थित हरिपुर गांव निवासी अबी मोहम्मद अंसारी ने अपना गुनाह कबूल किया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आवेदन स्वीकार करते हुए आरोपी को दोषी करार दिया और यह सजा सुनाई।
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NIA की ओर से बताया गया कि नेपाल के बारा जिले के रहने वाले अबी मो. अंसारी को दोषी ठहराया गया और 7 साल की सश्रम कारावास और रुपये की सजा सुनाई गई। IPC की धारा 120B के तहत 5000 रुपये, IPC की धारा 489B और 489C और यूए(पी) अधिनियम की धारा 16, 18, 20 के तहत भी इतनी ही सजा और जुर्माना दिया गया है।
रक्सौल जिले के डाकघर में एक पार्सल आया था
इधर, विशेष लोक अभियोजक प्रमोद कुमार ने बताया कि मामला 25 लाख 43 हजार रुपए के जाली भारतीय नौट की बरामदगी का था। वर्ष 2016 में रक्सौल जिले के डाकघर में एक पार्सल आया था। इसके बाद जांच एजेंसी की मुजफ्फरपुर टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर उस पार्सल की निगरानी की और अली अख्तर नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसने इस मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त की सहभागिता बताई थी। अली अख्तर को भी इसी अदालत से दोष कबूल करने के बाद सजा हो चुकी है।
2015 में 25,43,000 रुपये जब्त किए गए थे
वहीं अबी मोहम्मद अंसारी नकली भारतीय मुद्रा नोटों (FICN) की जब्ती से संबंधित मामले (RC-08/2016/NIA-DLI) में दोषी ठहराए जाने वाले दूसरा अभियुक्त है। दरअसल, 30 सितंबर 2015 को 25,43,000 रुपये जब्त किए गए थे। उस वक्त मो. अली अख्तर अंसारी रक्सौल स्थित मेसर्स गति किंतेत्सु एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड में नकली नोट की डिलीवरी लेने आया था और उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। जांच के दौरान मो. अली अख्तर अंसारी ने खुलासा किया कि जब्त किए गए नोट नकली थे और किसी विदेशी देश से भारत में तस्करी कर लाए गए थे। उन्होंने आगे खुलासा किया कि खेप को उनके माध्यम से नेपाल के अबी मोहम्मद उर्फ नबी मोहम्मद तक पहुंचाने का काम सौंपा गया था।
संयुक्त अरब अमीरात से भेजी गई थी नकली नोट
जांच से पता चला कि संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक सैयद मुहम्मद शफी ने आईसीएस (अंतर्राष्ट्रीय कूरियर सेवा) के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात से नकली मुद्रा वाले पार्सल को गिरफ्तार आरोपियों को भेजा था। एनआईए की जांच से पता चला कि यह खेप एफआईसीएन तस्करों के एक जटिल नेटवर्क के माध्यम से एक विदेशी देश से मंगाई गई थी।