महाबोधि मंदिर, गया
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बिहार के गया में बोधगया के महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति (BTMC) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी मुद्रा रेगुलेटरी एक्ट के तहत 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। FCRA ( फॉरेन करेंसी रेगुलेटरी एक्ट) का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं कराने और विदेशी मुद्रा दान का रिटर्न नहीं भरने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जुर्माना लगाया है। गृह मंत्रालय ने BTMC की लापरवाही दर्शाते हुए नोटिस भेजा है। उसमें 80 लाख रुपये का जुर्माना तय समय सीमा के अंदर जमा करने का निर्देश दिया है।
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दरअसल, महाबोधि मंदिर में दान के रूप में ज्यादातर विदेशी मुद्रा होती है। बोधगया के महाबोधि मंदिर में साल भर विदेशी पर्यटकों के आने-जाने का सिलसिला लगा रहता है। खासकर पर्यटन सीजन में ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं। जहां प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा का दान आता है। महाबोधि मंदिर के आय का मुख्य स्रोत विदेशी मुद्रा ही है। ऐसे में FCRA का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं हो सका है, जिससे वह विदेशी मुद्रा दान के रूप में नहीं ले सकता है।
FCRA लाइसेंस के रद्द होने के बाद मंदिर में दान के रूप में विदेशी मुद्रा लेना बंद कर दिया गया है। इससे मंदिर की आय भी काफी प्रभावित होगी, क्योंकि कुछ ही महीने बाद नवंबर से पर्यटन सीजन शुरू हो जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2022 में भी BTMC को नोटिस भेजा था। इसे BTMC द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया था।
आठ सितंबर को ही बिहार सीएम नीतीश कुमार ने करोड़ों रुपये की लागत से बने बीटीएमसी के नए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस भवन का उद्घाटन किया था।
बोधगया बीटीएमसी के मामले में गया डीएम डा. त्यागराजन एसएम ने कहा कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच में एनुअल रिटर्न दायर नहीं होने के कारण यह जुर्माना लगा है। चूंकि बीटीएमसी स्वायत्त (ऑटोनॉमस) संस्थान है। स्वायत्त संस्थान, जो राज्य सरकार द्वारा संचालित है। उसका एनुअल रिटर्न्स दायर करने पर माफ होता है। उसी आधार पर वर्ष 2017 से 2022 के बीच का एनुअल रिटर्न का माफ पत्र लगातार भेजा गया था। लेकिन गृह मंत्रालय ने इसको स्वीकार नहीं किया और एफसीआरए निबंधन कराने के हित में तत्काल राशि भुगतान बीटीएमसी द्वारा कर दिया गया, क्योंकि एफसीआरए रिन्यूअल (नवीकरण) करना जरूरी था। गृह विभाग द्वारा चार सितंबर 2023 को अंतिम समय सीमा (आखिरी तारिख) दी गई थी। उसके बाद बीटीएमसी जुर्माने के रूप में जमा किए गए 80 लाख रुपये वापस लेने की विधिवत पहल करेगी।