पूर्व एमएलसी रणवीर नंदन सीएम नीतीश कुमार के साथ।
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जनता दल यूनाईटेड (JDU) छोड़ने के लिए नेताओं में खलबली मचने की बात कई बार दूसरे दलों के नेता दुहरा चुके हैं। ताजा बयान राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के विरोध में पार्टी छोड़ने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने दिया कि सभी जुगाड़ लगा रहे हैं। इस बीच, 28 सितंबर को जदयू के एक प्रदेश महासचिव के औपचारिक रूप से पार्टी छोड़ भारतीय जनता पार्टी में आने के पोस्टर से पटना पटा हुआ था, लेकिन उससे पहले ही पार्टी को जोर का सदमा लगा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी और पार्टी के अगड़ा चेहरों में से एक पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणवीर नंदन ने इस्तीफा दे दिया है।
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कायस्थों को समेटने में प्रो. नंदन की अहम भूमिका रही
प्रो. रणवीर नंदन शिक्षाविद् हैं। जदयू को पटना विश्वविद्यालय में पहली बार छात्र संघ का चुनाव जिताने के लिए रणनीति तैयार करने वालों में प्रो. रणवीर नंदन सबसे आगे रहे। इसके अलावा पटना की राजनीति कायस्थ वोटरों के आसपास घूमती है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए कायस्थों को समेटने में प्रो. नंदन की अहम भूमिका रही। पटना की सीट भले भाजपा के पास जाती रहे, लेकिन जदयू के साथ रहने या अलग रहने की स्थिति में भी रणवीर नंदन के नाम पर पार्टी को कायस्थ सहानुभूति जरूर मिलती थी।