सोनबरसा थाना, सीतामढ़ी और जब्त कार
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बिहार के सीतामढ़ी में भारत नेपाल के सोनबरसा बॉर्डर से पुलिस ने शराब के मामले में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर समेत तीन को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। सूचना मिली है कि पुलिस तीन में से एक आरोपी को बचाना चाह रही थी। हालांकि, बचाव करने वाले पुलिस पदाधिकारी और कर्मी थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी की नजर में हैं। जिस डॉक्टर के बचाव में स्थानीय पुलिस ने कागजी खेल किया है, उसका बच पाना मुश्किल तो है ही। साथ ही बचाव करने वाले पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार की रात अवर निरीक्षक राजशेखर और प्रवीण कुमार पुलिस बल के साथ गश्त पर निकले थे। इसी दौरान गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने सोनबरसा बाजार की ओर से आई चांदनी चौक पर खड़ी एक कार से दो बोतल अंग्रेजी शराब के साथ तीन लोगों को पकड़ा। वहीं, कार को जब्त कर लिया। पुलिस ने जांच में तीनों को नशे की हालत में पाया।
गिरफ्तार तीनों लोगों में सहियारा थाना क्षेत्र के सुदामा महतो के बेटे साजन कुमार, परसौनी थाना क्षेत्र के परसौनी निवासी अफजल हुसैन के बेटे मो. मुस्ताक आलम और मेहसौल ओपी क्षेत्र के कांटा चौक निवासी सोनेलाल के बेटे डॉ. अनिल कुमार शामिल हैं। तीनों को पकड़ने के बाद पुलिस ही आरोपित चिकित्सक अनिल कुमार के बचाव में जुट गई। एक ही कार से तीनों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन पुलिस ने कागजी प्रक्रिया के दौरान इनमें से दो आरोपियों की दो बोतल के साथ गिरफ्तारी दिखा दी और चिकित्सक पर सिर्फ नशे में होने का आरोप लगाया गया है।
जानकारों का कहना है कि पुलिस ने चिकित्सक के बचाव के लिए ही उन्हें शराब के साथ गिरफ्तारी के बदले सिर्फ शराब पीने के रूप में आरोपी बनाया है। इसकी पुष्टि थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी सुचित्रा कुमारी ने भी की है। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटना हुई है। बताया गया है कि दोषी पुलिस अफसरों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। गौरतलब है कि डॉक्टर अनिल कुमार का सोनबरसा बस स्टैंड पर जीवन ज्योति नामक हॉस्पिटल है। वह इस क्षेत्र के चर्चित चिकित्सकों में शामिल हैं।