आशुतोष शाही हत्याकांड में एसटीएफ की कार्रवाई
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मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड मामले में पटना एसटीएफ की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। टीम ने गैंगस्टर मंटू शर्मा और शूटर गोविंद को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की गई है। बताया गया है कि दोनों को तमिलनाडु के रामेश्वरम से गिरफ्तार किया गया है। दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर बिहार लाया जा रहा है।
बताते चलें कि इससे पहले सीआईडी की टीम मुजफ्फरपुर पहुंची थी। सीआईडी के डीआईजी दलजीत कुमार समेत अन्य अधिकारी भी पहुंचे थे। इसके बाद सीन को रिक्रियेट किया गया। इस दौरान घटनास्थल की बारीकी से जांच की गई। आशुतोष के ड्राइवर को भी बुलाया गया। उससे घटना के दिन की पूरी जानकारी ली। इसके बाद चार जवान को हेलमेट पहनाया गया। ताकि, वे सड़क से वकील के घर पहुंचते है, बॉडीगार्ड पर फायरिंग करते है। बॉडीगार्ड जमीन पर गिरता है। इसकी वीडियो ग्राफी भी कराई जा रही थी। मिली जानकारी के अनुसार, टीम घटना की रिक्रीएट कर पूरी घटनाक्रम समझना चाह रही थी। ताकि, आगे की जांच हो सके। हालांकि, इस संबंध में अधिकारी ने कुछ भी बताने से इंकार किया।
घायल वकील ने लिखित बयान भेजा थाना
गोली लगने से घायल वकील डॉलर ने रविवार को पटना से अपना लिखित बयान टाउन थाने में भेजवाया। बयान में ककील ने कहा है कि पूर्व वार्ड पार्षद शेरू अहमद जमीन का एक कागजात दिखाकर जाने वाले थे। तब तक आशुतोष शाही पहुंच गए। पूर्व वार्ड पार्षद के साथ आशुतोष शाही भी सोफा पर बैठ गए, मैं एसी कमरा में चला गया। कुछ ही देर बाद अज्ञात अपराधी आकर आशुतोष शाही पर फायरिंग करने लगे। गोलीबारी में भी जख्मी हो गया। इस घटना में न तो पूर्व पार्षद शेरू अहमद दोषी हैं, न ही मैं दोषी हूं।
अब हत्याकांड का सीआईडी करेगी जांच
मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड मामले की जांच अब सीआईडी करेगी। इसके लिए जिला पुलिस और तिरहुत रेंज के आईजी पंकज सिन्हा ने अनुसंशा किया था, जिसके बाद ये मामला सीआईडी को सौंप दिया गया है। सोमवार को सीआईडी की टीम जिले के नगर थाना पहुंची। केस के आईओ से सारी जानकारियां ली। कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी गंभीरता के साथ चर्चा हुई। उसके बाद टीम मामले की जांच में जुट गई है।
मृतकों की पहचान
काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के पड़ाव पोखर आमगोला के निवासी स्वर्गीय निर्मल शाही के 45 वर्षीय पुत्र आशुतोष शाही, उत्तर प्रदेश के मऊ जिला के मधुबन थाना क्षेत्र के स्वर्गीय नगीना के पुत्र निजामुद्दीन और उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जघरा थाना क्षेत्र के जगदीश सिंह के 34 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार के रूप में हुई है। वहीं, अब तीसरे की भी मौत हो गई है। उसकी पहचान छपरा जिले के अमनौर थाना क्षेत्र के स्वर्गीय दयानंद सिंह के पुत्र ओमनाथ उर्फ ओंकार नाथ सिंह के रूप में हुई है।
क्या था मामला
बता दें कि चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और उनके दो बॉडीगार्ड को बीते 21 जुलाई की रात हत्या कर दी गई थी। रात करीब 9:30 बजे चार की संख्या में आए बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था। वारदात के वक्त आशुतोष शाही अपने अधिवक्ता डॉलर के घर किसी जमीन के काम से गए थे। हथियार से लैश बदमाशों ने घर में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, जिस कारण वहां मौजूद पांच लोगों को गोलियां लगी थीं। आशुतोष शाही की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। एक बॉडीगार्ड ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। बाद में एक और बॉडीगार्ड की मौत हो गई थी। अधिवक्ता और एक अन्य बॉडीगार्ड का अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना के पीछे जमीन विवाद का ही कारण माना जा रहा है।
पूर्व मेयर हत्याकांड के बाद चर्चा में आया था प्रॉपर्टी डीलर
मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले मेयर समीर कुमार हत्याकांड के बाद मिठनपुरा इलाके के बड़े जमीन माफिया आशुतोष शाही सुर्खियों में आए थे। पुलिस ने समीर कुमार हत्याकांड में उन्हें चार्जशीटेड भी किया था। लेकिन आशुतोष शाही समय रहते हाईकोर्ट से जमानत ले लिया था। इसके बाद बीते विधानसभा चुनाव में भी अपना भाग्य आजमाया था। लेकिन, नामांकन पर्चा गलत होने से चुनाव नहीं लड़ सके थे।
पूर्व मेयर की भी इसी क्षेत्र में हुई थी हत्या
23 सितंबर 2018 को मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले मेयर समीर कुमार को बाइक सवार अपराधियों ने एके-47 से उनकी कार में ही हत्या कर दिया था। उनका चालक रोहित भी उसमें मारा गया था। उनकी हत्या भी चंदवारा माड़वाडी हाईस्कूल रोड में ही हुई थी। जमीन कारोबारी आशुतोष शाही की भी हत्या अधिवक्ता डॉलर के घर में हुई। डॉलर का घर भी चंदवारा माड़वाड़ी हाइस्कूल रोड में ही है। बता दें कि जहां पूर्व मेयर की हत्या हुई थी, उससे 50 मीटर पहले आशुतोष शाही की हत्या हुई है।