Amit Shah And Other BJP Leaders Wished On Fourth Anniversary Of Article 370 Abrogation From Jammu Kashmir


BJP On Article 370 Anniversary: जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के चार साल पूरे होने पर शनिवार (5 अगस्त) को बीजेपी (BJP) नेताओं ने बधाई दी. 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से विशेष दर्जा निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का निर्णय लिया था. 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2019 में आज ही के दिन लिए गए अनुच्छेद 370 को हटाने के ऐतिहासिक फैसले ने जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास की एक नई सुबह की शुरुआत की. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले का लोगों ने स्वागत किया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रगति और विकास के युग का जश्न मनाने में जम्मू-कश्मीर के अपने भाइयों और बहनों के साथ शामिल हूं.  
नितिन गडकरी ने किया ट्वीट
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले ने जम्मू-कश्मीर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि पर्यटकों की संख्या में 170% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे जम्मू-कश्मीर प्रगति और समृद्धि की दिशा में सही रास्ते पर है. गडकरी ने ये भी कहा कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में रोजगार और विकास को बढ़ावा मिलेगा. ये एक्सप्रेसवे राजस्थान को हरियाणा, पंजाब, गुजरात और जम्मू-कश्मीर से जोड़ेगा. 

The historic decision to scrap Article 370 taken on this day in 2019 ushered in a new dawn of peace and development in J&K. pic.twitter.com/o8lOTCHXJ3
— Amit Shah (@AmitShah) August 5, 2023

यूपी के सीएम योगी ने भी दी बधाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में दशकों तक अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद एवं कुशासन के जनक व पोषक और हमारी राष्ट्रीय एकता व अखंडता पर कलंक रहे अनुच्छेद 370 की समाप्ति के चार वर्ष पूर्ण होने की सभी को बधाई.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के यशस्वी नेतृत्व में हुए इस ऐतिहासिक कार्य से जहां एक देश-एक निशान-एक विधान का संकल्प पूर्ण हुआ, वहीं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास भाव के साथ जुड़कर आज जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों को स्पर्श कर रहे हैं. आज ये क्षेत्र एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को और अधिक सशक्त व नए आयाम प्रदान कर रहे हैं. 

जम्मू-कश्मीर में दशकों तक अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद एवं कुशासन के जनक व पोषक तथा हमारी राष्ट्रीय एकता व अखंडता पर कलंक रहे अनुच्छेद 370 और 35-ए की समाप्ति के 04 वर्ष पूर्ण होने की सभी को बधाई!आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के यशस्वी नेतृत्व में हुए इस ऐतिहासिक…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 5, 2023

“2019 का फैसला एक ऐतिहासिक क्षण था”
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि 2019 का फैसला एक ऐतिहासिक क्षण था. इसे निरस्त करने से क्षेत्र, इसके लोगों और इसके विकास की क्षमता पर अच्छा प्रभाव पड़ा. मालवीय ने कहा कि इसे निरस्त करने का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर का एकीकरण, विकास और प्रगति करना था. 
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण विकास हुआ है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा कि ये निर्णायक कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वैचारिक स्पष्टता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिणाम था. 

There is peace, progress & prosperity. Stones, which were earlier used as weapons of politics & hatred are now being used as building blocks of a brighter future for the citizens, including the youth, during India’s journey through #AmritKaal #370OutVikasIn pic.twitter.com/vcjmQd1Dxm
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 5, 2023

महबूबा मुफ्ती ने लगाया नजरबंद करने का आरोप
वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के चार साल पूरे होने पर उन्हें और उनकी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है, जबकि कई अन्य को हिरासत में लिया गया है.
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि आज मुझे और मेरे पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद कर दिया गया. आधी रात को पुलिस की ओर से पार्टी के कई लोगों को अवैध तरीके से हिरासत में लिए जाने के बाद शनिवार को यह कार्रवाई की गई. एक तरफ पूरे श्रीनगर में कश्मीर के लोगों से अनुच्छेद-370 के निरस्त होने का जश्न मनाने का आह्वान करने वाले बड़े-बड़े बैनर लगाए गए हैं, जबकि लोगों की वास्तविक भावना को दबाने के लिए बल प्रयोग किया जा रहा है. 
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