मुलाकात: राष्ट्रपति चुनाव की सुगबुगाहट के बीच नीतीश कुमार से मिले धर्मेंद्र प्रधान, कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज



सार
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बिहार के सीएम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दो घंटे की बैठक की और दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। नीतीश के साथ बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वो अतीत प्रतिद्वंद्वी दल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का समर्थन करके चौंका चुके हैं। 

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इस साल अगस्त में होने वाले राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है। सत्ताधारी बीजेपी के लिए ये चुनाव कोई खासा मुश्किलों वाला नहीं होगा, इसके बावजूद वह कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती। इस बार संकेत मिल रहे हैं कि विपक्ष राष्ट्रपति पद के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करेगा और इसके बीच भाजपा ने अपने सहयोगियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बिहार के सीएम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दो घंटे की बैठक की और दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। नीतीश के साथ बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वो अतीत प्रतिद्वंद्वी दल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का समर्थन करके चौंका चुके हैं।2012 में, नीतीश कुमार ने एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। पिछले चुनाव में उन्होंने एनडीए के उम्मीदवार राम नाथ कोविंद का समर्थन किया था, हालांकि वे उस समय बिहार में महागठबंधन का हिस्सा थे।सूत्रों ने बताया कि धर्मेंद्र प्रधान को नीतीश कुमार से मिलने भेजने का फैसला भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के विचार-विमर्श के बाद लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री प्रधान आंध्र प्रदेश और ओडिशा सहित अन्य राज्यों का दौरा भी कर सकते है।सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को हुई प्रधान और नीतीश कुमार की बैठक में बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी भी शामिल हुए थे। इस दौरान राष्ट्रपति पद के चुनाव के साथ ही राज्य से राज्यसभा की सीटें खाली होने पर भी चर्चा हुई।सूत्रों के मुताबिक, बैठक के बाद संभावना जताई जा रही है कि बिहार में गठबंधन सरकार में भाजपा के मंत्रियों का फेरबदल हो सकता है और काम न करने वाले मंत्रियों की जगह नए चेहरों को मंत्री बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार कैबिनेट में विस्तार की गुंजाइश है और छह और मंत्रियों की नियुक्ति हो सकती है।

विस्तार

इस साल अगस्त में होने वाले राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है। सत्ताधारी बीजेपी के लिए ये चुनाव कोई खासा मुश्किलों वाला नहीं होगा, इसके बावजूद वह कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती। इस बार संकेत मिल रहे हैं कि विपक्ष राष्ट्रपति पद के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करेगा और इसके बीच भाजपा ने अपने सहयोगियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बिहार के सीएम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दो घंटे की बैठक की और दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। नीतीश के साथ बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वो अतीत प्रतिद्वंद्वी दल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का समर्थन करके चौंका चुके हैं।

2012 में, नीतीश कुमार ने एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। पिछले चुनाव में उन्होंने एनडीए के उम्मीदवार राम नाथ कोविंद का समर्थन किया था, हालांकि वे उस समय बिहार में महागठबंधन का हिस्सा थे।
सूत्रों ने बताया कि धर्मेंद्र प्रधान को नीतीश कुमार से मिलने भेजने का फैसला भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के विचार-विमर्श के बाद लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री प्रधान आंध्र प्रदेश और ओडिशा सहित अन्य राज्यों का दौरा भी कर सकते है।
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को हुई प्रधान और नीतीश कुमार की बैठक में बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी भी शामिल हुए थे। इस दौरान राष्ट्रपति पद के चुनाव के साथ ही राज्य से राज्यसभा की सीटें खाली होने पर भी चर्चा हुई।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के बाद संभावना जताई जा रही है कि बिहार में गठबंधन सरकार में भाजपा के मंत्रियों का फेरबदल हो सकता है और काम न करने वाले मंत्रियों की जगह नए चेहरों को मंत्री बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार कैबिनेट में विस्तार की गुंजाइश है और छह और मंत्रियों की नियुक्ति हो सकती है।



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