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बिहार CM नीतीश कुमार द्वारा फूलपुर से चुनाव लड़ने की संभावना पर भाजपा ने तंज कसा है। केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने कहा कि फूलपुर उनको ‘फूल’ बना देगा। 17 साल से जो एक भी चुनाव नहीं लड़े, उनको मुंगेरी लाल के हसीन सपना याद आ रहा। वे बिहार में एक भी चुनाव जीतते हैं तो उनको राष्ट्रीय पुरस्कार मिल सकता है। वहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का सपना देखने वाले नीतीश कुमार भाजपा के बढ़ते जनाधार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से इतना डरे हुए हैं कि वे बिहार से संसदीय चुनाव लड़ने के बजाय यूपी में सपा के गढ़ फूलपुर और मिर्जापुर से प्रत्याशी बनने की सोच रहे हैं।उन्होंने कहा कि 2014 में बिहार की 40 सीटों में से जदयू सिर्फ दो पर जीती थी। उसमें भी नालंदा संसदीय सीट पर मात्र 8 हजार वोटों के अंतर से उसकी प्रतिष्ठा बची थी। इस बार भाजपा 35 से ज्यादा सीटें जीत कर 2014 की सफलता दोहरायएगी। उन्होंने कहा कि यूपी में बुआ-बबुआ (मायावती-अखिलेश यादव) के साथ आने के बावजूद भाजपा ने 2019 के संसदीय चुनाव में 64 सीटें जीतीं। हाल के उपचुनाव में सपा आजमगढ़ और रामपुर में अपनी सीट नहीं बचा सकी।मोदी ने कहा कि जिस पार्टी का यूपी के विधानसभा चुनाव में भी खाता नहीं खुलता, उसके नेता नीतीश कुमार दो लड़कों के कहने पर वहां की किसी सीट पर लड़ें, उनकी जमानत जब्त होगी। उन्होंने कहा इससे पहले यूपी के दो लड़के (अखिलेश, राहुल) मिलकर भी भाजपा का विजय रथ रोक नहीं पाए थे। नीतीश कुमार फूलपुर या कहीं से चुनाव लड़ें, जमानत जब्त होगी। यूपी में बुआ-बबुआ मिलकर भी भाजपा को रोक नहीं पाए। जदयू बिहार में केवल दो सीट जीतने का हस्र न भूलें।इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दावेदारी पर बड़ा बयान दिया था। जदयू प्रमुख ने कहा था कि लोकसभा चुनाव उम्मीदवार के रूप में हमारे सीएम के लिए सबसे ज्यादा मांग फूलपुर से हो रही है। इसी तरह की मांग अंबेडकर नगर और मिर्जापुर में कार्यकर्ताओं द्वारा की गई है। चुनाव एक साल से अधिक दूर हैं और इसलिए हम इसके संदर्भ में नहीं सोच रहे हैं।
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बिहार CM नीतीश कुमार द्वारा फूलपुर से चुनाव लड़ने की संभावना पर भाजपा ने तंज कसा है। केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने कहा कि फूलपुर उनको ‘फूल’ बना देगा। 17 साल से जो एक भी चुनाव नहीं लड़े, उनको मुंगेरी लाल के हसीन सपना याद आ रहा। वे बिहार में एक भी चुनाव जीतते हैं तो उनको राष्ट्रीय पुरस्कार मिल सकता है। वहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का सपना देखने वाले नीतीश कुमार भाजपा के बढ़ते जनाधार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से इतना डरे हुए हैं कि वे बिहार से संसदीय चुनाव लड़ने के बजाय यूपी में सपा के गढ़ फूलपुर और मिर्जापुर से प्रत्याशी बनने की सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 में बिहार की 40 सीटों में से जदयू सिर्फ दो पर जीती थी। उसमें भी नालंदा संसदीय सीट पर मात्र 8 हजार वोटों के अंतर से उसकी प्रतिष्ठा बची थी। इस बार भाजपा 35 से ज्यादा सीटें जीत कर 2014 की सफलता दोहरायएगी। उन्होंने कहा कि यूपी में बुआ-बबुआ (मायावती-अखिलेश यादव) के साथ आने के बावजूद भाजपा ने 2019 के संसदीय चुनाव में 64 सीटें जीतीं। हाल के उपचुनाव में सपा आजमगढ़ और रामपुर में अपनी सीट नहीं बचा सकी।
मोदी ने कहा कि जिस पार्टी का यूपी के विधानसभा चुनाव में भी खाता नहीं खुलता, उसके नेता नीतीश कुमार दो लड़कों के कहने पर वहां की किसी सीट पर लड़ें, उनकी जमानत जब्त होगी। उन्होंने कहा इससे पहले यूपी के दो लड़के (अखिलेश, राहुल) मिलकर भी भाजपा का विजय रथ रोक नहीं पाए थे। नीतीश कुमार फूलपुर या कहीं से चुनाव लड़ें, जमानत जब्त होगी। यूपी में बुआ-बबुआ मिलकर भी भाजपा को रोक नहीं पाए। जदयू बिहार में केवल दो सीट जीतने का हस्र न भूलें।
इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दावेदारी पर बड़ा बयान दिया था। जदयू प्रमुख ने कहा था कि लोकसभा चुनाव उम्मीदवार के रूप में हमारे सीएम के लिए सबसे ज्यादा मांग फूलपुर से हो रही है। इसी तरह की मांग अंबेडकर नगर और मिर्जापुर में कार्यकर्ताओं द्वारा की गई है। चुनाव एक साल से अधिक दूर हैं और इसलिए हम इसके संदर्भ में नहीं सोच रहे हैं।