एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Published by: देवेश शर्मा
Updated Tue, 03 Aug 2021 05:52 PM IST
सार
लोकसभा में सोमवार को पेश किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 राज्यों में 2.96 करोड़ से अधिक स्कूली छात्रों के पास डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं है, जिसमें बिहार में सबसे अधिक संख्या है।
कोरोना और ऑनलाइन एजुकेशन
– फोटो : social media
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
सरकार एक और तो डिजिटल इंडिया को लगातार बढ़ावा देने की बात कर रही है। लगातार न्यू इंडिया को डिजिटल इंडिया बनाने का दृढ़ संकल्प जता रही हैं। कोरोना महामारी के दौर में ऑनलाइन एजुकेशन और अन्य सेवाओं की महत्ता जगजाहिर है। वहीं, दूसरी ओर जमीनी हकीकत इससे कुछ अलग ही है। देश में करीब तीन करोड़ स्कूली छात्रों के पास डिजिटल संसाधन ही नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई और अन्य सेवाओं की पहुंच कैसे होगी? यह भी पढ़ें: Maharashtra Board 12th Result 2021: महाराष्ट्र बोर्ड 12वीं का रिजल्ट जारी, यहां देखें परिणामलोकसभा में सोमवार को पेश किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के 24 राज्यों में 2.96 करोड़ से अधिक स्कूली छात्रों के पास डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं है, जिसमें बिहार में सबसे अधिक संख्या है। हालांकि, कुल 2.96 करोड़ में दिल्ली (04 फीसदी) जम्मू-कश्मीर (70 फीसदी), मध्यप्रदेश (70 फीसदी), पंजाब (42 फीसदी) और छत्तीसगढ़ (28.27 फीसदी) के ऐसे छात्र शामिल नहीं हैं। जबकि अरुणाचल प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर और उत्तर प्रदेश सहित राज्यों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, जबकि पश्चिम बंगाल के लिए सर्वेक्षण अभी भी प्रक्रिया में था। यह भी पढ़ें: सावधान: यूजीसी ने 24 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया, जानिए आपके यहां कौनसा है केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने निचले सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विवरण प्रस्तुत किया। निरपेक्ष संख्या के मामले में, बिहार में ऐसे छात्रों की संख्या सबसे अधिक 1.43 करोड़ है, इसके बाद झारखंड (35.52 लाख), कर्नाटक (31.31 लाख) और असम (31.06 लाख) का स्थान है। उत्तराखंड में ऐसे 21 लाख बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि 10 लाख से अधिक बच्चों वाले अन्य राज्य हरियाणा, ओडिशा और तमिलनाडु हैं, जबकि केरल में इस श्रेणी में 9.5 लाख बच्चे हैं। कोविड-19 के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहने के कारण, शिक्षक और सीखने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है।
विस्तार
सरकार एक और तो डिजिटल इंडिया को लगातार बढ़ावा देने की बात कर रही है। लगातार न्यू इंडिया को डिजिटल इंडिया बनाने का दृढ़ संकल्प जता रही हैं। कोरोना महामारी के दौर में ऑनलाइन एजुकेशन और अन्य सेवाओं की महत्ता जगजाहिर है। वहीं, दूसरी ओर जमीनी हकीकत इससे कुछ अलग ही है। देश में करीब तीन करोड़ स्कूली छात्रों के पास डिजिटल संसाधन ही नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई और अन्य सेवाओं की पहुंच कैसे होगी?
यह भी पढ़ें: Maharashtra Board 12th Result 2021: महाराष्ट्र बोर्ड 12वीं का रिजल्ट जारी, यहां देखें परिणाम
लोकसभा में सोमवार को पेश किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के 24 राज्यों में 2.96 करोड़ से अधिक स्कूली छात्रों के पास डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं है, जिसमें बिहार में सबसे अधिक संख्या है। हालांकि, कुल 2.96 करोड़ में दिल्ली (04 फीसदी) जम्मू-कश्मीर (70 फीसदी), मध्यप्रदेश (70 फीसदी), पंजाब (42 फीसदी) और छत्तीसगढ़ (28.27 फीसदी) के ऐसे छात्र शामिल नहीं हैं। जबकि अरुणाचल प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर और उत्तर प्रदेश सहित राज्यों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, जबकि पश्चिम बंगाल के लिए सर्वेक्षण अभी भी प्रक्रिया में था।
यह भी पढ़ें: सावधान: यूजीसी ने 24 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया, जानिए आपके यहां कौनसा है
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने निचले सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विवरण प्रस्तुत किया। निरपेक्ष संख्या के मामले में, बिहार में ऐसे छात्रों की संख्या सबसे अधिक 1.43 करोड़ है, इसके बाद झारखंड (35.52 लाख), कर्नाटक (31.31 लाख) और असम (31.06 लाख) का स्थान है। उत्तराखंड में ऐसे 21 लाख बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि 10 लाख से अधिक बच्चों वाले अन्य राज्य हरियाणा, ओडिशा और तमिलनाडु हैं, जबकि केरल में इस श्रेणी में 9.5 लाख बच्चे हैं। कोविड-19 के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहने के कारण, शिक्षक और सीखने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है।